बिहार

bihar

By

Published : Feb 8, 2020, 1:31 PM IST

Updated : Feb 8, 2020, 4:54 PM IST

ETV Bharat / state

CAA और NRC पर दो गुटों में बंटे बुद्धिजीवी, शिक्षाविद एम रहमान खान ने किया सरकार का समर्थन

नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी का विरोध हो रहा है. नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर बुद्धिजीवियों में एक राय नहीं है. अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ बुद्धिजीवी मानते हैं कि सीएए और एनआरसी देश के लिए जरूरी है.

patna
अल्पसंख्यक बुद्धिजीवी

पटनाःनागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी को लेकर देश में व्यापक विरोध हो रहा है. राष्ट्रीय राजधानी स्थित शाहीनबाग के अलावा बिहार में भी कई जगहों पर लगातार आंदोलन चल रहा है. इसको लेकर बुद्धिजीवी वर्ग दो धड़ों में बंटते नजर आ रहे हैं. अल्पसंख्यक बुद्धिजीवी का कहना है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भ्रम के शिकार हैं.

प्राध्यापक और शिक्षाविद डॉक्टर एम रहमान खान नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी के पक्ष में उतर आए हैं. रहमान का कहना है कि जो लोग नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे हैं, उन्हें कानून की जानकारी नहीं है. नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी देश हित में है. इसे हर हाल में इसे लागू होना चाहिए. डॉक्टर रहमान के मुताबिक नागरिकता संशोधन अधिनियम नागरिकता देने का बिल है, लोग विपक्ष के बहकावे में ना आयें.

शिक्षाविद डॉक्टर एम रहमान खान

'ध्यान भटका रही सरकार'
दूसरी तरफ साहित्यकार प्रेम कुमार मणि का मानना है कि केंद्र सरकार ऐसे बिल इसलिए ला रही है ताकि वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाया जाए. शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर लोग बात ना करें इसलिए विवादास्पद बिल की तरफ सरकार रुख कर रही है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः बजट पर नीतीश ने की थी मोदी की प्रशंसा, लालू बोले- 'यह मजबूरी है या दिल्लगी'

दूसरी तरफ प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी भी विरोध में उतर गए हैं. उनका कहना है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम से अल्पसंख्यक समुदाय में अविश्वास का माहौल है. लिहाजा सरकार को तत्काल नागरिकता संशोधन अधिनियम को स्थगित करना चाहिए. चौधरी ने कहा कि एनआरसी पर राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ व्यापक विचार के बाद पहल करनी चाहिए.

Last Updated : Feb 8, 2020, 4:54 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details