जेडीयू कार्यालय में राजवर्द्धन आजाद का स्वागत पटना: जाने-माने नेत्र रोग चिकित्सकडॉ. राजवर्द्धन आजाद मंगलवार को बिहार विधान परिषद की सदस्यता की शपथ लेने के बाद जेडीयू कार्यालय पहुंचे. जहां मंत्री विजय कुमार चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. इस दौरान विजय चौधरी ने कहा कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने डॉ. राजवर्द्धन को एमएलसी बनाकर सही फैसला लिया है. जिस तरह के लोगों के लिए संविधान में मनोनयन के लिए प्रावधान किया गया है, यह उसी के अनुरूप फैसला है.
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उपेंद्र कुशवाहा पर विजय चौधरी का तंज:वहीं उपेंद्र कुशवाहा की ओर से कुशवाहा समाज को नजर अंदाज किए जाने के सवाल पर मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि यह तो उपेंद्र कुशवाहा से पूछना चाहिए था कि जब वह एमएलसी बने थे तो क्या कुशवाहा समाज के लिए एमएलसी का पद आरक्षित था? अगर नहीं था तो फिर जनता को बरगलाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं. यदि उनको मिला तो यह चीज नहीं देखना था, इसी को कहते हैं अपनी कलई खुलवाना.
"जब उपेंद्र कुशवाहा को एमएलसी मनोनीत किया गया था, तब क्या वह सीट कुशवाहा समाज के लिए आरक्षित था? यह भी उनसे पूछना चाहिए तीन बार जेडीयू में शामिल हुए और तीन बार बाहर गए तो जाने से पहले क्या सोचते थे और शामिल होने से पहले क्या सोचते थे, यह भी तो उनसे पूछना चाहिए था"- विजय कुमार चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार
'नीतीश कुमार से प्रभावित हूं':वहीं, मनोनीत एमएलसी राजवर्द्धन आजाद ने कहा कि राजनीति में मेरी पहचान नई नहीं है. जेडीयू समाजवादी सोच की पार्टी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जो सोच है, वह मुझे प्रभावित करती है और उन्हीं की सोच के कारण मैं इस पार्टी में आया हूं.
"मेरे पिता भागवत झा आजाद कांग्रेस में जरूर थे लेकिन उनकी सोच समाजवादी थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच मुझे हमेशा से प्रभावित करती है. उन्हीं की सोच के कारण जेडीयू में आया हूं. गरीब, पिछड़े और वंचित समाज के उत्थान के लिए काम करने की प्रेरणा रही है"- डॉ. राजवर्द्धन आजाद, मनोनीत विधान पार्षद
राजवर्द्धन के बहाने ब्राह्मण समाज को साधने की कोशिश: डॉ. राजवर्द्धन आजाद प्रख्यात नेत्र रोग चिकित्सक हैं. वह ब्राह्मण समाज से आते हैं. उनके पिता भागवत झा आजाद बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. राजवर्द्धन जेडीयू से पहले भी लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और नीतीश कुमार की आंख का इलाज लंबे समय से कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने उनको एमएलसी बनाकर ब्राह्मण समाज में एक मैसेज देने की कोशिश भी की है.