मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के मंत्री सुनील कुमार पटना:बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मौत (Death Due to Poisonous Liquor In Chapra) मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग की टीम लगातार बिहार का दौरा कर रही है. मंगलवार को भी 1 सदस्यीय टीम बिहार का दौरा की थी और आज भी आयोग के डीजी मनोज कुमार यादव के नेतृत्व में टीम पहुंची है. मानवाधिकार आयोग की टीम के दौरे से बिहार सरकार के मंत्रियों की ओर से लगातार नाराजगी जताई जा रही है. जनसुनवाई कार्यक्रम में जदयू कार्यालय पहुंचे मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि जहरीली शराब से मौत मामले में मानवाधिकार आयोग की टीम का दौरा सही नहीं है.
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"जहरीली शराब से मौत मामले में मानवाधिकार आयोग की टीम का दौरा सही नहीं है. बिहार में शराब पीना अपराध की श्रेणी में है. लोगों ने गलती किया है तब उनकी मौत हुई है. गुजरात के मोरबी में डेढ़ सौ से अधिक लोगों की मौत हुई थी. वहां मानवाधिकार आयोग की टीम क्यों नहीं गई. यदि सामूहिक मौत को लेकर टीम दौरा कर रही है, तो दूसरे राज्यों में जो घटना घट रही है, चाहे जहां शराबबंदी नहीं है. वहां भी आयोग को दौरा करना चाहिए. जिस प्रकार से जहरीली शराब से मौत मामले में मुआवजा मांगना गलत है. उसी तरह से मानवाधिकार आयोग की टीम का दौरा भी गलत है."- सुनील कुमार, मंत्री, मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग
छपरा पहुंची NHRC की टीम: बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के डीजी मनोज कुमार यादव के नेतृत्व में टीम पटना पहुंची है. बिहार पहुंची NHRC की ये दूसरी टीम है. टीम में 2 सदस्य शामिल हैं. ये टीम दो दिवसीय दौरे पर बिहार आई है, जो छपरा और सिवान में बीमार मरीजों से बात करेगी. बता दें कि इससे पहले मंगलवार को एनएचआरसी की 10 सदस्यी टीम बिहार पहुंची थी, जो इस समय सारण के दौरे पर है.
जहरीली शराब पीने से कितनों की हुई मौत? : बताया जा रहा है कि एनएचआरसी की टीम ने सिविल सर्जन डॉक्टर सागर दुलाल सिन्हा और छपरा के वरीय चिकित्सक और छपरा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक के साथ लगभग आधे घंटे तक बैठक की. इस दौरान पूरे मामले की जानकारी ली. इस मामले में अभी तक छपरा सदर अस्पताल के अधिकारियों ने 38 मौतों की पुष्टि की है.
NHRC का बिहार सरकार को नोटिस: बिहार में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत के बाद नीतीश सरकार को हाल ही में एनएचआरसी ने नोटिस जारी किया था. आयोग ने ट्वीट कर कहा था कि अपने एक सदस्य की अध्यक्षता में अपनी स्वयं की जांच टीम बनाई है. यह टीम बिहार के अन्य जिलों में मौके पर जाकर जांच करेगी. आयोग यह जानने के लिए चिंतित है कि इन पीड़ितों को कहां और किस प्रकार का चिकित्सा उपचार प्रदान किया जा रहा है. एनएचआरसी टीम घटनास्थल का दौरा कर आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश करेगा.