पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पश्चिम चंपारण के बाल्मीकिनगर में 21 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक (CM Nitish Yatra After Cabinet Meeting) करने जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक बैठक के बाद ही सीएम शराबबंदी जागरूकता यात्रा पर निकलेंगे. मुख्यमंत्री इस बार की यात्रा में शराबबंदी की समीक्षा करेंगे. मद्य निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार (Minister Sunil Kumar On Nitish Yatra) ने कहा कि, विभाग पूरी तरह से तैयार है.
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सीएम नीतीश प्रत्येक जिले में जाकर बैठक करेंगे और फिर शराबबंदी की क्या स्थिति है उसे देखेंगे. इस दौरान महिलाओं से भी संवाद किया जाएगा. मद्य निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार का कहना है कि, हम लोग लगातार बैठक कर रहे हैं और मुख्यमंत्री की यात्रा में हर चीज पर चर्चा होगी, क्योंकि महिलाओं के कहने पर ही शराबबंदी लागू की गई थी, उनका फीडबैक जरूरी है.
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"हमलोग लगातार समीक्षा कर रहे हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी रिपोर्ट ली जा रही है. मुख्यमंत्री की इस यात्रा में समीक्षा बैठक में पूरी डिटेल्स के साथ चर्चा की जाएगी. प्रत्येक बिंदु पर रिपोर्ट ली गई है और हाल में जो दुखद घटनाएं हुई हैं, उसके बाद प्रशासन की तरफ से क्या कुछ एक्शन हुआ है उसके बारे में भी जानकारी ली गई है."- सुनील कुमार, मंत्री, मद्य निषेध विभाग
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मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि, ' सभी बिंदुओं को देखा जा रहा है. रणनीति को व्यवहारिक बनाने की कोशिश हो रही है. जिले की भौगोलिक स्थिति से लेकर शराब के आने के कौन से रास्ते हैं, तमाम चीजों पर सिलसिलेवार चर्चा की जाएगी. शराबबंदी को सफल बनाने को लेकर मद्य निषेध विभाग मुख्यमंत्री की यात्रा को लेकर पूरी तरह से तैयार है.शराबबंदी को सफल बनाने को लेकर मद्य निषेध और पुलिस मुख्यालय ने पूरी ताकत लगा दी है.'
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बता दें कि मुख्यमंत्री पहले भी 1 दर्जन से अधिक यात्रा कर चुके हैं और यात्रा का रिकॉर्ड बनाया है. लेकिन इस बार की यात्रा खास इसलिए है क्योंकि, 2016 में बिहार में महिलाओं की मांग पर पूर्ण शराबबंदी लागू की गई थी. लेकिन शराबबंदी पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री ने पिछले महीने सीएम सचिवालय संवाद में भी 7 घंटे तक लगातार समीक्षा की थी. अब सीएम अपनी यात्रा के दौरान सभी जिलों में जाकर समीक्षा करेंगे. महिलाओं से फीडबैक लेने के बाद, उस हिसाब से आगे की रणनीति तैयार होगी. मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध विभाग में कड़क अधिकारी के रूप में जाने जाने वाले केके पाठक को बड़ी जिम्मेदारी दी है. मंत्री सुनील कुमार भी आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं. लेकिन इसके बाद भी शराबबंदी को सख्ती से लागू कराना मद्य निषेध विभाग और पुलिस विभाग के लिए बड़ी चुनौती है.
शराबबंदी को लेकर बिहार सरकार ने देश में सबसे सख्त कानून बनाया है. शराब पीने से लेकर बेचने तक तक अपराध है. रखने से लेकर निर्माण कर कहीं ले जाने तक अपराध है. सख्त कानून के कारण ही 3 लाख से अधिक लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी है. इसलिए विपक्ष के साथ कई बार सहयोगी दल के नेता भी शराबबंदी को लेकर सवाल खड़ा करते रहे हैं. हाल के दिनों में जितने बड़े पैमाने पर जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई है उसके कारण सरकार की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. अब सीएम खुद लोगों को शराब के खिलाफ जागरूक करेंगे. इसके लिए शराबबंदी जागरूकता यात्रा की शुरुआत होने जा रही है.
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