पटनाःबिहार में बेरोजगारी का आलम है. चपरासी जैसे पदों पर बड़ी संख्या में उच्च डिग्रीधारी आवेदन करते हैं. विधानसभा में फोर्थ ग्रेड के 166 पदों के लिए ही 5 लाख के आसपास आवेदन आये थे. जिसमें बड़ी संख्या में एमए और तकनीकी डिग्री धारी भी अभ्यर्थी थे. हालांकि सरकार के मंत्री बेरोजगारी पर अपना ही तर्क दे रहे हैं. जहां एक तरफ बीजेपी कोटे से मंत्री बेरोजगारी पर चिंता जता रहे हैं दूसरी तरफ जदयू कोटे से मंत्री बेरोजगारी की बात को नकार रहे हैं.
बिहार में बेरोजगारी की चिंताजनक स्थिति को श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा इसे दुखद बताया है. फोर्थ ग्रेड पदों पर बड़े-बड़े डिग्रीधारियों के आवेदन पर कहा कि जो आवेदन करना चाहेंगे उन्हें रोका नहीं जा सकता. विजय सिन्हा ने बताया कि जिसमें प्रतिभा होता है उसका सम्मान सरकारी क्षेत्र के साथ निजी क्षेत्र में भी होता है.
श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा बिहार में निकल रही वैकेंसी
वहीं, ग्रामीण विकास विभाग और संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार बिहार में बेरोजगारी की बात को नकारा है. उनका कहना है कि बिहार में बेरोजगारी घट रही है. कई विभागों में वैकेंसी निकल रही है. जिसके पास योग्यता होगी उसे नौकरी मिलेगी. हालांकि इन पदों पर ऊंची डिग्री धारी युवाओं के आवेदन पर मंत्री का कहना है कि किसी को भी आवेदन करने पर रोका नहीं जा सकता है.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट स्थायी और सुविधाएं सरकारी नौकरी का आकर्षण
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार में बेरोजगारी है. इसके अलावा सरकारी नौकरी के प्रति युवाओं में आकर्षण भी है. इसके पीछे का करण नौकरी का स्थायी होना और तमाम तरह की सुविधाएं मिलना है. विशेषज्ञ अजय झा ने बताया कि निजी क्षेत्र में रोजगार कम होना भी बिहार में एक बड़ी समस्या है. जिसके कारण सरकारी पदों में बड़े-बड़े डिग्रीधारी युवा आवेदन करते हैं.