पटना:मनरेगा के अकुशल मजदूरों के काम के घंटे अब कम किए जाने की तैयारी है. करीब 13 साल पहले अकुशल मजदूरों के काम के घंटे निर्धारित किए गए थे. नियमों के तहत आठ घंटे काम करने की बाध्यता तय की गई. अब इसमें संशोधन की तैयारी है.
अकुशल मजदूरों के काम के घंटे होंगे कम- ग्रामीण विकास मंत्री - Unskilled laborers will have shorter working hours
2007 में बने नियमों के अनुसार अकुशल मजदूरों को काम करने में कठिनाई हो रही थी. इस कारण से उन्हें न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल रही थी. इसी वजह से अब इसमें संशोधन कर नियम बदले जा रहे हैं.
ग्रामीण विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार काम के आठ घंटे को घटाकर सात घंटे किया जा रहा है. इसी तरह पूर्व में अकुशल मजदूरों को महिला और पुरूष श्रेणी में बांटते हुए मुलायम मिट्टी की कटाई और ढुलाई के नियम बने. 50 फीट दूरी के लिए पुरूषों को 80 जबकि महिलाओं को 68 घन फीट मिट्टी कटाई कर उसकी ढुलाई करनी होती थी. नए नियमों के तहत पुरूषों को 65 जबकि महिलाओं को 57 घन फीट मिट्टी कटाई कर ढुलाई करनी होगी. इसी तरह 50 से 100 फीट के लिए पूर्व से पुरूषों को 73 और महिलाओं को 62 घन फीट मिट्टी की कटाई ढुलाई के स्थान पर 60 और 52 घनफीट कटाई ढुलाई के प्रावधान किए जा रहे हैं. कड़ी मिट्टी कटाई के मामले में उसी अनुपात में करीब 20 फीसद की कमी आएगी.
कमिटी की बैठक में लिया गया फैसला
ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि 2007 में बने नियमों के अनुसार अकुशल मजदूरों को काम करने में कठिनाई हो रही थी. इस कारण से उन्हें न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल रही थी. महिलाओं की शारीरिक क्षमता कम होने और मिट्टी कटाई में अक्षम होने की वजह से महिलाओं की भागीदारी भी अपेक्षित रूप से नहीं हो रही थी. इसी कारण से बाध्यता को दूर करने के लिए एक कमिटी बनाई गई थी. कमिटी में बीआइटी पटना के प्रोफेसर एसपी लाल, अस्मिता पल्लवी विशेष आमंत्रित सदस्य थे. जबकि विभाग के सचिव, मनरेगा आयुक्त, पथ निर्माण के अभियंता प्रमुख जैसे अन्य सदस्य भी थे. कमेटी ने अध्ययन के बाद अपनी सिफारिश सौंपी है. जिसके बाद काम के घंटे में कमी और मिट्टी कटाई ढुलाई के नियम बदले जा रहे हैं.