पटना: बिहार में कोरोना संकट के दौरान ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार की स्थिति थी. संक्रमणघटने के साथ-साथ ऑक्सीजन को लेकर जद्दोजहद कम हुई है. सरकारी स्तर पर भी ऑक्सीजन उत्पादन और रिफिलिंग की क्षमता बढ़ाई गई है. उद्योग विभाग द्वारा किए गए प्रयासों से ऑक्सीजन की उपलब्धता में इजाफा हुआ है.
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ऑक्सीजन की उपलब्धता में इजाफा
बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में ऑक्सीजन उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने के लिए उद्योग विभाग कोरोना संकट बढ़ने के बाद से ही लगातार प्रयासरत है. उद्योग विभाग वॉर रुम बनाकर ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने और सभी जिलों में जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दिन रात जुटा है.
''लगातार प्रयासों से राज्य के तमाम इलाकों में ऑक्सीजन की उपलब्धतता में काफी वृद्धि हुई है और अब भी इसके लिए कोशिशें जारी हैं. राज्य में ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होने दी जाएगी. राज्य के 10 अस्पतालों में 55 बेड्स के लिए ऑक्सीजन उत्पादन के लिए बियाडा पीएसए यूनिट की स्थापना कर रहा है.''-शाहनवाज हुसैन, बिहार के उद्योग मंत्री
ऑक्सीजन उत्पादन में तेजी
13 मई को पटना में एम/एस फ्रोजन सेल आईआरसी के द्वारा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) आधारित प्लांट से 800 सिलेंडर प्रतिदिन के हिसाब से उत्पादन शुरू हो गया है. इससे पहले 11 मई को ऑक्सीन गैस प्राइवेट लिमिटेड पटना में एयर सेपरेशन यूनिट (एएसयू) प्लांट से 600 सिलेंडर प्रतिदिन के हिसाब से उत्पादन जारी है. 12 मई को 206 एमटी लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति राज्य में हुई और एयर सेपरेशन यूनिट (एएसयू) प्लांट से लगभग 46 एमटी ऑक्सीजन का उत्पादन किया गया.