पटनाः बिहार के विकास की तस्वीरें आपने जरूर देखी होंगी. रेल, पुल, सड़कें, बड़ी-बड़ी इमारतें बिहार के विकास की झलक दिखाती हैं. लेकिन जल संसाधन मंत्री संजय झा ने अपने ट्विटर हैंडल से नासा की दो तस्वीरों को पोस्ट किया है. इन तस्वीरों के माध्यम से उन्होंने बिहार में विकास (work in the field of electricity in bihar) को अलग नजरिये से दिखाने की कोशिश की है. ट्वीट कर उन्होंने लिखा कि आसमान से भी बिहार का विकास दिख रहा है. उन्होंने ये तस्वीरें इकोनॉमिक सर्वे 2022 से ली हैं.
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आपको बताएं कि नासा द्वारा जारी की गईं दोनों तस्वीरें अलग-अलग वर्ष की हैं. उपग्रह से ये तस्वीरें ली गई हैं. एक तस्वीर 2012 की है और दूसरी 2021 की. 2012 के मुकाबले 2021 की जो तस्वीर है, वह चमकदार है. दिख रहा है कि बिहार में बिजली (Electricity in Bihar) के क्षेत्र में काफी बेहतर काम हुआ है. इसी को लेकर संजय झा ने कहा है, 'अंधकार से नीतीश कुमार ने बिहार को प्रकाश में पहुंचाया है'. जानकारी दें कि कुछ दिनों पहले ही सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में बिजली के क्षेत्र में हुए कामों को गिनाया था.
संजय झा ने अपने ट्वीट में कहा है कि, 'आसमान से भी दिखता है #बिहार का विकास. विकसित बिहार के निर्माण के लिए संकल्पित माननीय सीएम श्री @NitishKumar ने प्रदेश को किस तरह अंधकार से प्रकाश में पहुंचाया है, इसे आप NASA द्वारा उपग्रह से वर्ष 2012 और 2021 में लिए गए चित्रों में देख सकते हैं. इसमें उन्होंने इकोनॉमिक सर्वे का हैशटैग #EconomicSurvey2022 भी इस्तेमाल किया.
जानकारी दें कि सीएम नीतीश कुमार ने बीते दिनों कहा था कि 2005 में बिहार में मात्र 700 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती थी. आज बिहार में 6627 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है. हमने हर घर बिजली पहुंचा दी है. हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य दिसंबर 2018 तक निर्धारित किया गया था, जिसे दो महीने पहले अक्टूबर 2018 में ही पूरा कर लिया गया. बिहार पहला राज्य है, जहां सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के 19 किलो वाट भार क्षमता तक के विद्युत कनेक्शन, सुविधा एप के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन बिजली का कनेक्शन दिया जा रहा है.
बिहार में रोजाना 4500-5000 मेगावाट बिजली का मांग रहती है. पिछले दिनों तक बिहार की डिमांड 4500 मेगावाट ही थी, इस समय बिहार का केन्द्रीय कोटा 7000 मेगावाट से अधिक हो गया है. जबकि उसकी अधिकतम जरूरत 6500 मेगावाट के आसपास है. साथ ही बिहार के बिजलीघरों से भी पर्याप्त बिजली का उत्पादन हो रहा है. जिससे बिहार की जरूरत को पूरा करने में आसानी हो रही है. साथ ही इसे दूसरे राज्यों में बेचा भी भी जा रहा है.
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