पटना: बिहार सरकार के जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेदरभंगा में एम्स निर्माणके लिए के लिए शोभन-एकमी बाइपास के निकट चिह्नित भूमि के एक-एक पहलू का खुद स्थल पर जाकर मुआयना करने और गहन समीक्षा के बाद ही उसकी स्वीकृति दी है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार मुफ्त जमीन देने के साथ-साथ उसमें मिट्टी भराई, समतलीकरण तथा चहारदीवारी निर्माण के लिए 309 करोड़ से अधिक रुपये कैबिनेट से मंजूर कर कार्य का टेंडर जारी कर चुकी है.
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क्या बोले संजय झा?:मंत्री संजय झा ने कहा कि दिल्ली से आई केंद्र की टीम ने आवंटित जमीन का मुआयना करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि जमीन एम्स के लिए उपयुक्त है लेकिन, बाद में पता नहीं क्या हुआ कि केंद्र सरकार दरभंगा में आवंटित भूमि पर एम्स निर्माण से मुकर गई. केंद्र सरकार जैसे ही उस भूमि पर एम्स निर्माण की सहमति देगी, उसके तत्काल बाद मिट्टी भराई का काम शुरू हो जाएगा.
संजय झा की अमित शाह से अपील:संजय झा ने अमित शाह से गुजारिश की है कि वह एक बार खुद स्थल पर जाकर मुआयना करें, तब उन्हें पता चलेगा कि राज्य सरकार ने एम्स निर्माण के लिए बेहतरीन भूमि आवंटित की है. साथ ही कहा कि मिथिला सहित संपूर्ण बिहार की जनता के भले के लिए केंद्रीय गृह मंत्री दरभंगा एम्स का निर्माण जल्द-से-जल्द करवा दें.
हर हाल में दरभंगा में ही बनेगा एम्स: संजय कुमार झा ने कहा कि पटना में बिहार के पहले एम्स की आधारशिला वर्ष 2004 में ही भारत के तत्कालीन उपराष्ट्रपति ने रखी थी. इसके बाद बिहार को दूसरा एम्स देने की घोषणा वर्ष 2015 के केंद्रीय बजट में की गई थी. दूसरा एम्स किस शहर में बने, इसका फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना था, क्योंकि एम्स के लिए भूमि राज्य सरकार को मुफ्त उपलब्ध करानी थी. मुख्यमंत्री ने शुरू से कहा है कि बिहार का दूसरा एम्स दरभंगा में ही बनेगा और केंद्र सरकार को आधिकारिक रूप से इसकी जानकारी भी दे दी गई थी लेकिन, पांच वर्षों के बाद 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार के लिए दूसरे एम्स को मंजूरी दी.
एम्स बनने से दरभंगा का होगा विकास: संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार सरकार ने जब दरभंगा एम्स के लिए डीएमसीएच की भूमि देने का प्रस्ताव दिया था, तब भी केंद्र से आई टीम ने उसे 'लो लैंड' बताने और उसका कुछ हिस्सा रेलवे लाइन के दूसरी तरफ होने सहित कई खामियां गिनाई थीं. देश में जो भी नये एम्स बने हैं, वे किसी अस्पताल के परिसर में नहीं, बल्कि ग्रीन फील्ड एरिया में बने हैं. पटना में एम्स का निर्माण शहर से 12 किमी दूर फुलवारीशरीफ में हुआ है, जिससे नए इलाके का तेजी से विकास हुआ है. दरभंगा में भी शहर की सीमा पर एम्स का निर्माण होने से शहर को नया विस्तार मिलेगा. क्षेत्र में नए आवासीय एवं व्यावसायिक परिसरों का निर्माण होगा और रोजगार के नए-नए अवसर पैदा होंगे.
अमित शाह ने क्या कहा था?: दरअसल शनिवार को मधुबनी के झंझारपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि मोदी सरकार ने पटना के बाद दरभंगा में एम्स बनाने की घोषणा की. इसके लिए पहले नीतीश कुमार की सरकार ने जमीन दी लेकिन बाद में वापस ले लिया. उन्होंने कहा, 'बहुत कम प्रदेश ऐसे हैं जहां 2 एम्स हो, पटना में एम्स था और फिर मोदी जी ने दिसंबर 2020 में बिहार के दरभंगा में दूसरा एम्स स्वीकृत किया.'