पटना:बिहार सरकार पंचायतों में आज से सुविधाओं को लेकर औचक जांच करेगी. बिहार की सभी 8078 पंचायतों में यह जांच की जा रही है. लगातार नल जल और अन्य योजनाओं में मिल रही शिकायतों के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी (Minister Samrat Choudhary) ने कहा कि वोटर आईडी लेकर जांच की जाएगी कि लोगों को नल जल योजना (nal jal yojana complaint in bihar) का लाभ मिल रहा है कि नहीं, पक्की नली गली बना कि नहीं और एक एक घर को चिन्हित कर यह सर्वेक्षण किया जाएगा.
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पंचायतों में औचक जांच करेगी सरकार: मुख्य सचिव के स्तर पर भी 7 अप्रैल को पंचायतों में योजनाओं की जांच के लिए दिशा निर्देश जारी हो चुका है. सभी डीएम को इसके लिए विशेष दिशा निर्देश दिया गया है. पंचायतों में जांच के बाद ऑनलाइन रिपोर्ट देनी होगी. किस अधिकारी को किस पंचायत में जाना है उसकी सूची भी सौंप दी गई है.
इन 13 बिंदुओं पर जांच:जो जानकारी मिली है उसके अनुसार पंचायतों में 13 अलग-अलग बिंदुओं पर जांच पड़ताल की जाएगी. इसमें हर घर नल जल योजना, हर घर तक पक्की नाली गली, पंचायतों में स्थित प्राथमिक माध्यमिक एवं उच्च विद्यालय, एससी एसटी ओबीसी एवं अल्पसंख्यक छात्रावास, पंचायतों में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति, आंगनवाड़ी केंद्र, सभी प्रकार के वृद्धावस्था पेंशन का वितरण, जन वितरण प्रणाली, ग्रामीण सड़कों की स्थिति, भंडारण केंद्रों की स्थिति, मनरेगा योजनाएं, पंचायत सरकार भवन और भूमि राजस्व से जुड़े मामलों की स्थिति की जांच की जाएगी. स्कूलों में भवन से लेकर शौचालय तक की स्थिति, पेयजल ,बिजली, स्कूल ड्रेस, स्कूल की किताबें, साइकिल योजना, पुस्तकालय , कंप्यूटर रूम, मिड डे मील की भी जांच पड़ताल की जाएगी. अधिकारी स्कूल में बैठकर पढ़ाई की गुणवत्ता की भी जांच पड़ताल करेंगे.
अधिकारी पंचायत में स्वास्थ्य सुविधाओं की जांच पड़ताल में डॉक्टरों की उपस्थिति, पारा मेडिकल कर्मियों, आशा कार्यकर्ता, दवा, उपकरण, शौचालय भवन की स्थिति, बिजली और पानी की उपलब्धता के साथ ग्रामीणों से भी फीडबैक लेने की तैयारी है. इसी तरह नल से जल योजना की भी गहनता से जांच पड़ताल की जाएगी. बिहार में भूमि विवाद के कारण लगातार आपराधिक घटनाएं देखने को मिलती है, तो जांच पड़ताल में पंचायतों में भूमि एवं राजस्व से संबंधित सभी मामलों को भी देखा जाएगा. जिसमें जमाबंदी, जमाबंदी रसीद, सेटेलमेंट, सेटेलमेंट रिकॉर्ड और अन्य मामलों के डाटा एंट्री को लेकर भी जांच पड़ताल होगी.