पटना :इस बार बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र पहले दिन से ही हंगामेदार रहा है. हर दिन कोई न कोई नया सियासी विवाद सदन में उठ खड़ा हो रहा है. बीते दिन गुरुवार को भी सीएम नीतीश कुमार ने जिस प्रकार से जीतन राम मांझीपर भड़कते हुए तुम-ताम किया. उसके बाद से पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी आक्रोशित हैं. अब वह पूरे मामले को राज्यपाल के समक्ष उठाने की तैयारी में हैं. वहीं जेडीयू से बिहार सरकार में मंत्री रत्नेश सदा नीतीश कुमार के बचाव में उतर आए हैं.
'बीजेपी के जाल में फंस गए हैं जीतनराम मांझी' : रत्नेश सदा का कहना है जीतनराम मांझी बीजेपी के जाल में फंस गए हैं. बीजेपी ने मांझी को जातीय गणना के सर्वे पर उकसाया. यदि जीतन राम मांझी को अपना ब्रेन रहता तो एक जगह स्थिर रहते. वह कभी कांग्रेस में, तो कभी आरजेडी में, तो कभी जेडीयू में, तो कभी बीजेपी में घूमते रहे हैं. वह घुमंतु हैं. उसको अपना दिमाग ही नहीं है. इसलिए कहीं वह स्थिर ही नहीं रहता है.
"नीतीश कुमार ने जो कहा वह सही कहा. उसको रे-बे या तुम-ताम नहीं कहा. उसको सेंस रहता तो वह एक जगह स्थिर रहता. आज बीजेपी के लोग कहते हैं कि सीएम दलित विरोधी है. आज जगजीवन बाबू की संस्थाएं चल रही है. उसमें उनके नाम से जो छात्रवृति मिलती थी उस पर बीजेपी ने रोक लगा दी."-रत्नेश सदा, मंत्री, बिहार सरकार
'नीतीश कुमार जो बोले, सही बोले' :रत्नेश सदा ने कहा कि दलितों का अपमान तो बीजेपी कर रही है. हमलोग से जब अलग होकर जीतनराम मांझी बीजेपी के बहुत बड़े आका से मिलने जाते हैं और वहां उसका जूता खुलवाया गया. नीतीश कुमार ने तो उसको मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया. नीतीश कुमार ने तो दशरथ मांझी को भी सम्मान दिया. वहीं नीतीश कुमार के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि मेरी मूर्खता थी जो जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया, इस पर रतनेश सदा ने कहा कि उन्होंने सही कहा है. भावना में आकर उसको मुख्यमंत्री बना दिया था.