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अग्निवीर योजना पर कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने ये क्या कह दिया, फिसल गई जुबान

मंत्री प्रमोद कुमार (Bihar Law Minister Pramod Kumar) की जुबान तब फिसल गई जब वो अग्निपथ योजना (Agniveer Scheme 2022) के समर्थन में मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि ये योजना कदापि वापस नहीं हो सकती. आगजनी करने वाले कभी अग्निवीर नहीं बन सकेंगे.

अग्निपथ योजना पर कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने ये क्या कह दिया
अग्निपथ योजना पर कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने ये क्या कह दिया

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Published : Jun 27, 2022, 7:39 PM IST

पटना : बिहार के कानून मंत्री प्रमोद कुमार की जुबान फिसल गई. उन्होंने अग्निवीर (Agneepath Scheme 2022) की जगह कुछ ऐसा बोल दिया जिसे मीडियाकर्मियों ने टोक दिया. गौरतलब है कि बीजेपी कोटे से मंत्री बने प्रमोद कुमार विपक्षी दलों द्वारा किए जा रहे हंगामे को निशाने पर लेकर बोल रहे थे. जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या अग्निपथ योजना वापस होगी (Agneepath scheme will be back) तो उन्होंने अग्निवीर योजना के समर्थन में बयान देना शुरू किया. लेकिन उसी दौरान उनकी जुबान फिसल गई.

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मीडियाकर्मियों ने जब बिहार के कानून मंत्री प्रमोद कुमार से पूछा तो उन्होंने कहा कि ये योजना किसी भी कीमत पर वापस नहीं होगी. उल्टा जो दोषी हैं. जिन्होंने आग लगाने का काम किया उनपर कार्रवाई करेंगे. हालांकि अग्निवीर बोलते बोलते कानून मंत्री प्रमोद कुमार की जुबान फिसल गई. इस दौरान मीडियाकर्मियों ने उन्हें टोका भी.

'ये योजना कदापि वापस नहीं होगी. जो इसमें छेड़छाड़ किया. जिनपर मुकदमे दर्ज हुए वो कभी भी #$#$@ (अग्निवीर) नहीं बन सकते': प्रमोद कुमार, कानून मंत्री, बिहार

हंगामे की भेंट चढ़ी सदन की कार्यवाही: बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी अग्निपथ योजना के विरोध में घमासान मचा रहा. हंगामा इतना बरपा कि सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. विधानसभा में विपक्षी पार्टियों के विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए. विपक्षी दलों ने अग्निपथ योजना को प्रधानमंत्री द्वारा एक तानाशाही कदम बताया. आरजेडी के ललित यादव और कांग्रेस से अजीत शर्मा के स्थगन प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार करने की विपक्षी विधायकों ने जोरदार मांग के साथ कार्यवाही शुरू की. लेकिन भारी विरोध और हंगामे के चलते सदन को बार बार स्थगित करना पड़ा. बाहर निकलकर भी पक्ष-विपक्षी दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ी रही. बिहार के कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि ये योजना किसी भी कीमत पर वापस नहीं होगी.

क्या है अग्निपथ योजना: भारत सरकार द्वारा सेना में अग्निपथ योजना (Agneepath scheme in Indaian army) की शुरुआत की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. लेकिन इस योजना को लेकर बिहार में चारों तरफ हंगामा बरपा है. वहीं, गुरुवार को केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अभ्यर्थियों की आयु सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी है. ये स्पष्ट किया गया है कि ये छूट सिर्फ इस साल सेना में भर्ती के लिए किया गया है. बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती के लिए सरकार ने साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की आयु निर्धारित की थी.

'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए. छात्रों के विरोध को विपक्ष का भी समर्थन प्राप्त है. उनकी आवाज बनकर सदन में रख रहे हैं.

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