पटना:बीपीएससी पेपर लीक (BPSC Paper Leak) मामले में एसआईटी की टीम द्वारा जांच तेज कर दी गई है. इस मामले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इसके बावजूद भी जांच अभी रुकी नहीं है. जांच के दौरान कई लोगों से पूछताछ भी की जा रही है और कुछ अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी जारी है. जांच के दौरान कई ऐसी जानकारी भी सामने आ रही है जिससे सभी हैरान है और विभाग के लिए जवाब देना मुश्किल हो रहा है. एक और मामले और उस पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के मंत्री के जवाब ने सभी को चौंका दिया है.
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निलंबित बीडीओ की कर दी गयी पोस्टिंग: जिन आठ BDO को निगरानी विभाग ने ट्रैप केस में गिरफ्तार किया था उन सभी को वापस से अब BDO के पद पर पदस्थापित (Re posting of suspended 8 BDO in bihar) कर दिया गया है. इधर इस मामले में नीतीश मंत्रिमंडल के मंत्री यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ रहे है कि मामला उनके विभाग से जुड़ा हुआ नहीं है. दरअसल बीपीएससी पेपर लीक मामले में आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज परीक्षा केंद्र पर तैनात बतौर स्टैटिक मजिस्ट्रेट बड़हरा बीडीओ जयवर्द्धन गुप्ता को प्रश्न-पत्र वायरल मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. जांच में यह बात सामने आयी कि बीडीओ के पद पर इनकी तैनाती तीन-चार वर्ष निलंबित रहने के बाद मार्च 2021 में फिर से कर दी गयी थी. उन्हें 2017 में एक पूर्व मुखिया से एक लाख रुपये घूस लेते हुए विजिलेंस ब्यूरो ने ट्रैप के तहत रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. उस समय वे घोसवरी के बीडीओ थे. ट्रैप होने के बाद वे जेल चले गये और विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया.
घूस लेते पकड़े गये थे रंगे हाथ :करीब तीन से चार वर्ष तक निलंबित रहने के बाद उन्हें निलंबन मुक्त कर दिया गया और मार्च 2021 में बड़हरा बीडीओ के पद पर तैनाती कर दी गयी. परंतु जयवर्द्धन गुप्ता की तरह आठ अन्य बीडीओ भी इस लिस्ट में शामिल हैं, जो तीन से छह साल पहले ट्रैप मामलों में घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गये थे. इसके बाद ये सभी जेल गये और ग्रामीण विकास विभाग ने उन्हें निलंबित भी कर दिया था. छह महीने से एक साल में इनका बेल हो गया और बाहर आने के बाद इन्होंने अपना निलंबन तोड़वाया और जुगाड़ लगाकर वापस बीडीओ बन गये.
ट्रैप में फंसे पदाधिकारियों को फिर से उसी पद पर पदस्थापित:आपको बता दे कि ग्रामीण विकास विभाग के स्तर से 15 मार्च 2021 को इन आठ बीडीओ की तैनाती फिर से बीडीओ पद पर कर दी गयी, जो उस समय प्रतीक्षारत चल रहे थे. इस अधिसूचना में कुल 20 बीडीओ का ट्रांसफर पोस्टिंग किया गया था. वर्तमान में भी एक को छोड़कर अन्य सभी अभी भी इसी पद पर हैं. राजीव रंजन कुमार को सिंहवाडा (दरभंगा), शैलेश कुमार केसरी को पुनपुन (पटना), विनोद कुमार को बिक्रम (पटना), लोकेंद्र यादव को जलालगढ़ (पूर्णिया), जयवर्द्धन गुप्ता को बड़हरा (भोजपुर), प्रमोद कुमार को मकेर (सारण), दिवाकर कुमार को चौरौत (सीतामढ़ी) और विनित कुमार सिन्हा को राघोपुर (सुपौल) शामिल हैं. इसमें बिक्रम के बीडीओ विनोद कुमार को पंचायत चुनाव से पहले हटा दिया गया था. इन सभी पर अभी विभागीय जांच चल रही है.
एक पूर्व अधिकारी का बयान: हालांकि इस मामले में विजिलेंस विभाग के एक पूर्व अधिकारियों का कहना है कि ट्रैप में फंसे पदाधिकारियों को फिर से उसी पद पर पदस्थापित करना कहीं से उचित नहीं है. प्रशासनिक सेहत को देखते हुए कदाचार मुक्त प्रशासनिक व्यवस्था को बनाये रखने के लिए इन पदाधिकारियों को फिर से उसी पद पर तैनात नहीं करना चाहिए. इनकी तैनाती दूसरे स्थान या पद पर की जा सकती है. विभाग को दागी पदाधिकारियों को फिर से फील्ड ड्यूटी या सीधे पब्लिक डिलिंग वाले पद पर तैनात करने से परहेज करना चाहिए.
प्रतीक्षारत चल रहे थे सभी: ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार सरकार जहां जीरो टॉलरेंस की बात करती है वहीं जिस अधिकारी पर पहले करवाई हो चुकी है वैसे अधिकारी को फिर से उसी पोस्ट पर तैनात करना कितना सही है. गौरतलब है कि ग्रामीण विकास विभाग के स्तर से 15 मार्च 2021 को इन आठ BDO की तैनाती फिर से BDO के पद पर कर दी गई है जो उस समय प्रतीक्षारत चल रहे थे.। इस अधिसूचना में कुल 20 BDO का ट्रांसफर पोस्टिंग किया गया था जिसमें बिक्रम के BDO विनोद कुमार को पंचायत चुनाव से पहले हटा दिया गया था.
बोले मंत्री प्रमोद कुमार- 'सीएम से पूछिए सवाल': दरअसल सरकार के विधि एवं गन्ना विभाग के बीजेपी कोटा के मंत्री प्रमोद कुमार (Minister Pramod Kumar) को कुछ कहते नहीं बन रहा. नीतीश मंत्रिमंडल के मंत्री तरह तरह के बहने बनाकर इस मामले को टाल दे रहे हैं. प्रमोद कुमार ने कहा कि सरकार का चक्का जरूर धीरे धीरे चलता है लेकिन बहुत बारीकी से चलता है. मौजूदा वक्त में जमीन के अंदर से भी अपराधी को निकाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिन्होंने फिर से दोबारा इन्हें BDO बनाया है उनसे पूछा जाएगा. मेरे विभाग का मामला नहीं है. सारे विभाग की जानकारी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को होती है. आप उन्हीं से जाकर इस मामले की जानकारी प्राप्त करें.