पटनाःबिहार में एनएच निर्माण (NH Construction In Bihar) और उसके रख-रखाव को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं. प्रदेश में कुल 58 एनएच की सड़कें हैं, जिनकी लंबाई 5475 किलोमीटर से अधिक है. एनएच की कई बड़ी परियोजनाओं पर काम अभी हो रहा है, जबकि कई परियोजनाएं काफी लेटलतीफी से चल रही हैं. इसे लेकर पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Minister Nitin Nabin on NH Construction) ने ईटीवी भारत से लंबी बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में एनएच के निर्माण में तेजी आई है, केंद्र सरकार का भी सहयोग मिला है और हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग का भी असर देखने को मिल रहा है.
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बिहार पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि जो परियोजना काफी धीमी गती से चल रही थी, उसमें से अधिकांश में अब काम प्रगति पर है. हाजीपुर, मुजफ्फरपुर एनएच का मामला हो, चाहे पटना-गया-डोभी का मामला हो या फिर मुंगेर मिर्जाचौकी के साथ पटना-बक्सर और बक्सर-बनारस एनएच पर कहीं कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार की परियोजना केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की जानकारी में भी है. अभी एनएचएआई (NHAI) की अध्यक्ष भी आई हुई थीं, महेशखूंट एनएच की परियोजना पर भी काम शुरू होगा.
बिहार में एनएच की खराब हालत पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब पहले वाली स्थिति नहीं है. मुंगेर मिर्जाचौकी रोड बराबर खराब हो जाती थी, लेकिन केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ रुपया इसकी आरसीसी ढलाई के लिए दिए हैं. मुंगेर भागलपुर से जुड़ने के लिए एक नया बाईपास भी बनाया जाएगा. इसके लिए सहमति बन गई है. एनएच के प्रोजेक्ट और मेंटेनेंस को लेकर हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग पर नितिन नवीन ने कहा कि बड़े प्रोजेक्ट को लेकर हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग हो रही है और उसका अच्छा लाभ मिल रहा है. साथ ही बिहार सरकार भी जमीन अधिग्रहण से लेकर सभी चीजों में मदद कर रही है.
'मुंगेर रेल सह सड़क पुल का केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 11 फरवरी को लोकार्पण करेंगे. पटना-गया-डोभी सिक्स लेन को लेकर हम लोगों का प्रयास जारी है. साथ ही एक्सप्रेस-वे आमस दरभंगा पथ के निर्माण को लेकर भी पहल हुई है. 2 फेज का टेंडर जारी हो गया है. शेष 2 फेज की समस्या को शॉट आउट किया जा रहा है'-नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री
बता दें कि बिहार में खराब एनएच के कारण दुर्घटनाएं भी बहुत हो रही हैं. बिहार में एन एच पर 3285 सड़क दुर्घटनाएं पिछले साल हुई हैं, जो बिहार में कुल हादसे का लगभग 60% है और इसमें एनएचएआई के अधीन आने वाली एनएच की सड़कों पर 2517 मौतें हुई है, जो कुल मौत का बिहार में 77 फ़ीसदी है. कुछ प्रमुख एनएच जिस पर लगातार दुर्घटना होती है और लोगों की मौत भी होती है....
- एनएच 31 नवादा बिहार शरीफ पटना बेगूसराय खगरिया पूर्णिया और किशनगंज से गुजरती है पिछले साल 644 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमें से 520 लोगों की मौत हुई.
- एनएच 28 बेगूसराय मुजफ्फरपुर और गोपालगंज से होकर गुजरती है, इस पर 515 दुर्घटना हुई. जिसमें 443 लोगों की जानें गई.
- एनएच 30 पटना और भोजपुर से होकर गुजरती है इस पर पिछले साल 378 हादसे हुए जिसमें 279 लोगों की मौत हो गई। 4- एनएच 57 मुजफ्फरपुर दरभंगा अररिया और पूर्णिया से होकर गुजरती है और इस पर 376 सड़क दुर्घटना हुई जिसमें 331 लोगों की जानें गई.
- एनएच 2 जो कैमूर सासाराम औरंगाबाद से होकर गुजरती है, इस पर पिछले साल 356 दुर्घटनाएं हुई. जिसमें 295 लोगों की मौत हुई.
इन पांच एनएच की ही बात करें तो बीते सालों में 2269 हादसे हुए. जिसमें 18-68 लोगों की जानें चली गई. खासकर बाढ़ ग्रस्त इलाकों में हर साल एनएच को बड़ा नुकसान पहुंचता है और वहां एनएच की सड़कों का मेंटेन करना एक बड़ी चुनौती है. बिहार में सड़कों की बात करें तो एनएच-5475 किलोमीटर और एसएच-3713 किलोमीटर एमडीआर-15195 किलोमीटर और ग्रामीण सड़क-102810 किलोमीटर कई एनएच की परियोजना पर काम काफी धीमी गति से चल रहा है.