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हम अपने स्टैंड पर कायम, तेजस्वी करें मानहानि का मुकदमा- मंत्री नीरज कुमार

सूचना एवं जनसंचार मंत्री नीरज कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सबसे पहले तो राष्ट्रीय जनता दल को यह बताना चाहिए कि तरुण यादव कौन और कहां है. साथ ही लालू परिवार का इनके नाम से संपत्ति खरीदने का क्या उद्देश्य था.

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Published : Jun 12, 2020, 9:24 PM IST

पटना
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पटना: बिहार के सूचना एवं जनसंचार मंत्री नीरज कुमार ने 11 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लालू परिवार द्वारा नौकरी के बदले तेज प्रताप और गुमनाम पुत्र तरुण कुमार यादव के नाम जमीन रजिस्ट्री करवाने का आरोप लगाया था. जिस पर कायम रहते हुए उन्होंने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कहा कि अगर मेरा आरोप गलत है, तो तेजस्वी यादव को मेरे खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करना चाहिए.

संपत्ति को लेकर नीरज का निशाना
सूचना एवं जनसंचार मंत्री नीरज कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सबसे पहले तो राष्ट्रीय जनता दल को यह बताना चाहिए कि तरुण यादव कौन और कहां है. साथ ही लालू परिवार का इनके नाम से संपत्ति खरीदने का क्या उद्देश्य था. उन्होंने कहा कि तेज प्रताप और तरुण कुमार यादव के नाम से 1993 में रजिस्ट्री करवाई गई. अगर तेजस्वी यादव खुद के तरुण कुमार यादव होने का दावा करते हैं. तो फुलवरिया की 2 संपत्तियों में से वो 2015 विधानसभा के अपने चुनावी हलफनामे में सिर्फ 74 प्लॉट नंबर 955 का जिक्र ही क्यों करते हैं. और दूसरी जमीन जिसका खाता नंबर 74 प्लॉट नंबर 891 रकवा 6 कट्ठा का जिक्र क्यों नहीं किया.

'नाबालिगों की बिना गार्जियन के करवाई गई रजिस्ट्री'
नीरज कुमार ने कहा कि सवाल यह भी बनता है कि तरुण कुमार के नाम निबंधित जमीन को बिना संपत्ति हस्तांतरण हुए तेजस्वी यादव ने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति होने का जिक्र कैसे किया. नीरज ने कहा कि इसमें सबसे मजेदार बात तो यह है कि तेज प्रताप ने भी अपने चुनावी हलफनामे में खाता नंबर 74 प्लॉट नंबर 955 का जिक्र किया लेकिन तेजस्वी की तरह इन्होंने भी दूसरी जमीन जिसका भी खाता नंबर 74 प्लॉट नंबर 891 रकवा 6 कट्ठा इसको छुपा लिया. तेज प्रताप और तरुण यादव के नाबालिग रहते बिना गार्जियन के रजिस्ट्री करवाई गई.

जदयू मंत्री नीरज कुमार

संपत्ति का जिक्र नहीं करने पर भी सवाल
जनसंचार मंत्री ने प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष बताएं कि चुनाव आयोग से संपत्ति छुपाने का गुनाह उन्होंने साजिशन जान बूझकर किया था या फिर इनके माता-पिता ने इस संपत्ति की जानकारी उन्हें नहीं दी. अगर इनके माता-पिता ने संपत्ति को दोनों भाइयों से छुपाया है तो उद्देश्य साफ है कि इनकी मंशा इस जमीन को तरुण कुमार यादव को ही देने की रही होगी. जो कि गुमनाम तरुण कुमार यादव के वजूद की पुष्टि करता है.

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