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मंत्री लेसी सिंह बोलीं.. 'विशेष अनुदान में बिहार की हकमारी, केंद्र कर रहा है सौतेला व्यवहार'

बिहार सरकार के मंत्रियों ने केंद्र सरकार पर लगातार हकमारी और सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते (Minister Leshi Singh accused central government ) रहे हैं. इसी बीच खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि केंद्र बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है. उन्होंने बिहार की उपेक्षा की बात कही.

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Published : Nov 16, 2022, 9:27 AM IST

पटनाःबिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद लगातार मंत्रियों की ओर से केंद्र सरकार पर मदद नहीं देने का आरोप (Minister Leshi Singh accused central government ) लगाया जा रहा है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार से लेकर वित्त मंत्री विजय चौधरी ने भी यह आरोप लगाया है. इसी बीच खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह (Minister Leshi Singh) का कहना है कि केंद्र बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है. वहीं वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जीएसटी क्षतिपूर्ति स्कीम को 2027 तक बढ़ाने की मांग भी की है. इसी साल बिहार को इससे 4000 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है.

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विभागों को नहीं मिला है आधा अनुदानः मंत्रियों के आरोप के साथ ही आंकड़ों में भी बिहार की उपेक्षा साफ दिख रही है. वर्ष 2022- 23 के बजट में केंद्र सरकार ने राज्यों को ब्याज मुक्त विशेष अनुदान देने की भी घोषणा की थी. इसमें भी बिहार को 8046 करोड़ देने का प्रावधान किया गया था, लेकिन वित्तीय वर्ष में 9 महीना हो चुके हैं बिहार को अभी आधी राशि ही मिली है. इस कारण कई योजनाओं के कार्य पर असर पड़ सकता है विशेषज्ञ भी कहते हैं यदि समय पर राशि नहीं मिली तो योजनाओं की लागत बढ़ जाएगी और समय पर लोगों को उसका लाभ भी नहीं मिलेगा।


समय पर नहीं मिल रही राशि: नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने और महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद राजनीतिक बयानबाजी तो खूब हो रही है. विशेष कर जेडीयू के मंत्रियों के तरफ से लगातार केंद्र सरकार पर मदद नहीं करने का आरोप लगाया जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी कई कार्यक्रमों में केंद्र से सहयोग नहीं मिलने की बात कही है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने तो यहां तक आरोप लगाया था कि जो राशि मिल रही है. वह समय पर नहीं मिल रही है. इस कारण प्रधानमंत्री आवास निर्माण योजना पर असर पड़ रहा है. वित्त मंत्री विजय चौधरी ने भी शिक्षा विभाग से संबंधित समग्र शिक्षा योजना में लगातार राशि कटौती किये जाने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि बिहार को केंद्र से जो मदद मिलती है. उसका रेशियो लगातार कम किया जा रहा है.

मंत्रियों का आरोप समय पर नहीं मिल रही राशिः वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने यह भी कहा है कि जीएसटी के तहत क्षतिपूर्ति स्कीम 2027 तक केंद्र सरकार को बढ़ाना चाहिए क्योंकि इसी साल बिहार को 4000 करोड़ से अधिक की राशि का नुकसान होने का अनुमान है. वहीं खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह का कहना है कि सभी विभाग के मंत्री लगातार कह रहे हैं कि केंद्र से सहयोग नहीं मिल रहा है. रोड, शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग में राशि बकाया है और सभी मंत्री अपनी बात रख रहे हैं. केंद्र बिहार के साथ सौतेला व्यवहार तो कर ही रहा है. बिहार पिछड़ा राज्य है. ऐसे ही केंद्र को और मदद करनी चाहिए. विशेष राज्य का दर्जा देना चाहिए विशेष पैकेज देनी चाहिए. इससे विकसित राज्यों की श्रेणी में बिहार आ सके. बिहार के मुख्यमंत्री कम संसाधनों के बावजूद कर्ज लेकर विकास योजनाओं को गति देने में लगे हैं.

"केंद्र से राज्यों को सही समय पर राशि नहीं मिलेगी तो योजनाओं का कार्य प्रभावित होगा योजनाएं समय पर पूरी नहीं होगी और आधी अधूरी रह जाएगी जिससे उसकी लागत भी बढ़ जाएगी"- डॉ विद्यार्थी विकास, विशेषज्ञ, एएन सिन्हा शोध संस्थान

ग्रामीण सड़क के लिए 389 करोड़ केंद्र सरकार से मिलाः केंद्र सरकार ने 2022- 23 मई के राज्यों को दी जाने वाली विशेष सहायता योजना के तहत बिहार के लिए 8046 करोड़ की राशि प्रस्तावित किया था यह राशि 50 सालों तक ब्याज मुक्त ऋण के तहत देने का निर्णय था. बिहार में ग्रामीण सड़कों के लिए हैं केंद्र सरकार से 2528.04 करोड की राशि की डिमांड की गई थी उसमें से अभी 389.29 करोड़ केंद्र सरकार से मिला है. बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2022 23 में 6000 किलोमीटर सड़क बनाने का लक्ष्य रखा है. 100 से अधिक जनसंख्या वाले गांव को 12 महीने एकल सड़क संपर्क का देने का लक्ष्य है और इस पर 1274. 50 करोड़ की राशि खर्च होने का अनुमान है. केंद्र सरकार से ग्रामीण कार्य विभाग को 778.58 करोड़ की राशि ही मिलेगी और उसमें से अभी 389.29 करोड़ की राशि ही मिली है. ग्रामीण कार्य विभाग की सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना पर असर पड़ना तय है.


जल संसाधन विभाग को 190 करोड़ ही मिलीःजल संसाधन विभाग में कई योजनाएं चल रही हैं और केंद्र सरकार से ब्याज मुक्त विशेष सहायता योजना के तहत 950 करोड़ की राशि मिलनी है. वित्तीय वर्ष में अभी केवल 190 करोड़ की राशि ही मिली है और अब केवल 3 महीने बचे हैं. स्वास्थ्य विभाग में 1413.8 करोड़ की राशि विशेष सहायता योजना के तहत बिहार को मिलनी है, लेकिन अभी तक 706.94 करोड़ रुपये ही मिला है. विशेष सहायता योजना के तहत जो राशि मिली है, उसमें उद्योग विभाग की स्थिति सबसे बेहतर है 887.95 करोड़ मिलना प्रस्तावित है और अभी तक 735.8 करोड़ की राशि मिल चुकी है.


विशेष सहायता के तहत 4029 करोड़ ही मिलेः विशेष सहायता योजना के तहत बिहार को 8046 करोड़ मिलना प्रस्तावित है और अभी 4029 करोड़ ही मिले हैं. आंकड़ों से साफ है कि इसमें बिहार की उपेक्षा की जा रही है. विशेष सहायता योजना के तहत जो अनुदान की राशि दी जाती है. यह 50 सालों के लिए ब्याज मुक्त ऋण होता है. राज्य के विकास में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके साथ बिहार के मंत्रियों का यह भी आरोप रहा है कि केंद्र के हिस्से की जो राशि है विभिन्न योजनाओं में वह समय पर नहीं मिल रहा है. उस राशि की व्यवस्था भी बिहार को कई बार करनी पड़ती है.

जल संसाधन - 950.00 - 190.00
स्वास्थ - 1413. 88 -706.94
ग्रामीण कार्य -778.58 -389.29
ऊर्जा - 1687.78 - 843.89
साइंस टेक्नोलॉजी - 469.54 - 234.77
सड़क - 1858.26 - 929.13
उद्योग - 887.95 - 735.86


केंद्र की विभिन्न योजनाओं में मिली सिर्फ आधी राशि: ऐसे केंद्र सरकार की ओर से कई बड़े प्रोजेक्ट बिहार में पथ निर्माण विभाग के क्षेत्र में चल रहे हैं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अभी 14 नवंबर को ही योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया है आने वाले समय में कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरू भी होना है लेकिन सच्चाई यह भी है कि केंद्र से विशेष सहायता योजना के तहत विभिन्न विभागों को जो मदद प्रस्तावित है उसमें बिहार को अभी आधी राशि ही मिली है . जानकार इसका एक बड़ा कारण यह भी बताते हैं कि बिहार सरकार की तरफ से जो पहली किस्त की राशि ली गई है उसका यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं दिया गया और इसी कारण दूसरी किस्त की राशि नहीं मिल रही है लेकिन कुल मिलाकर यदि राशि समय पर नहीं मिली तो योजनाओं पर असर पड़ेगा और इससे लागत बढ़ेगी। और योजनाएं आधी अधूरी रह जाएगी.

"हर विभाग में मंत्री लोग कह रहे हैं कि केंद्र से सहयोग नहीं मिल रहा है. केंद्र सरकार बिहार की उपेक्षा कर रही है. विभागीय स्तर पर सभी लोग कह रहे हैं कि सभी का बकाया है. हमलोग विशेष राज्य के दर्जा का मांग कर रहे हैं.लेकिन केंद्र बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है"- लेसी सिंह, खाद्य आपूर्ति मंत्री

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