पटना: लालू यादव के करीबी माने जाने वाले आलोक मेहता के बयान को लेकर छिड़ी बहस शांत होने का नाम नहीं ले रही है. आलोक मेहता से जब पूछा गया कि वह इसे साफ करें कि यह शोषक वर्ग कौन है तो आलोक मेहता ने साफ कहा कि जो शोषक वर्ग नागपुर से संचालित होता है. नागपुर के संचालन से ही शोषक वर्ग काम कर रहा है. RSS के लोग अंग्रेजों के दलाल थे. अंग्रेजों की मुखबिरी करते थे. आज स्थिति यह हो गई सरकारी एजेंसियां बिक रही हैं. रेलवे, एयरपोर्ट सब बिक गए. कुछ बदलाव लालू यादव, नीतीश कुमार के समय हुए थे लेकिन, घूम फिर कर वह दलाल वर्ग और शोषक वर्ग अत्याचार करता रहा.
Alok Mehta Controversial Statement: आलोक मेहता फिर बोले- 'अंग्रेजों के दलाल थे 10 फीसदी आरक्षण वाले' - Minister Alok Mehta
मंत्री आलोक मेहता ने एक बार फिर से आपत्तिजनक बयान दिया है. 10% वाले बयान पर कायम रहते हुए कहा कि शहीद जगदेव प्रसाद ने यह बात कही थी कि जो अंग्रेजो के दलाल थे, अंग्रेजों ने भारत से जाने से पहले अपनी सत्ता उन्हें सौंपी थी, वह शोषक हो गए. यह वही 10 परसेंट हैं जो रूप बदल बदल कर लोगों का शोषण करते रहते हैं. आलोक मेहता ने बिना नाम लिए आरएसएस पर फिर से निशाना साधा है.
अपने बयान पर कायम हैं मंत्री आलोक मेहता: मंत्री आलोक मेहता अपने पुराने बयान पर कायम हैं. राजद कार्यालय में शहीद जगदेव सिंह के शताब्दी वर्ष पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में आलोक मेहता भी पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होंने अपने बयान को दुबारा से सही करार दिया. जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ-साफ कहा कि शहीद जगदेव सिंह ने जो बात कही थी उसी बात को हम लोग कह रहे हैं कि अभी भी 100 में 90 शोषित हैं और 90 भाग हमारा है.
"10% अभी भी लोग हैं जो शोषण कर रहा है और वैसे लोगों के खिलाफ हमारी लड़ाई है. इस लड़ाई को हम लड़ते रहेंगे. बिहार में अभी जो सरकार बनी है वह प्रजातांत्रिक मूल्यों को समझती है. जनता की भलाई को लेकर काम कर रही है. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में जो सरकार बिहार में चल रही है, लगातार विकास के काम हो रहे हैं."-आलोक मेहता, मंत्री, बिहार सरकार
आलोक मेहता ने क्या कहा थाः राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने कुछ दिनों पहले विवादास्पद बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि 10 फीसदी आरक्षण पाने वाले अंग्रेजों के दलाल हैं. ये लोग अंग्रेजों के जमाने में मंदिरों में घंटी बजाते थे. इसी दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ‘जगदेव बाबू ने दलित, शोषित, पिछड़े और वंचितों के उत्थान की लड़ाई लड़ी, जिनकी हिस्सेदारी 90 प्रतिशत है. उन्हें समाज में कोई सम्मान नहीं मिलता था. अंग्रेजों ने जाते वक्त सैकड़ों एकड़ जमीन देकर जमींदार बना दिया. जबकि मेहनत, मजदूरी करने वाले आज तक भूमिहीन बने हुए हैं’ मंत्री आलोक मेहता का इशारा आर्थिक आधार पर मिलने वाले आरक्षण (ईडब्ल्यूएस) में शामिल लोगों के लिए था.