बिहार

bihar

ETV Bharat / state

अन्य राज्यों की अपेक्षा बिहार में कम रहा वोटिंग परसेंटेज, चुनाव आयोग ने पलायन को बताया मुख्य वजह

बिहार का वोटिंग परसेंटेज अन्य राज्यों की तुलना में कम रहा है. चुनाव आयोग ने बताया कि कम वोटिंग प्रतिशत का मुख्य कारण पलायन है.

migration-from-bihar-is-main-reson-of-low-voting-persantege

By

Published : May 19, 2019, 11:11 PM IST

पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग की तरफ से कई तरह के इंतजाम किए गए थे. बावजूद, इसके बिहार में हुए 7 चरणों का वोटिंग परसेंटेज अन्य राज्यों की अपेक्षा कम रही है. वहीं, इस मामले में चुनाव आयोग का कहना है कि दूसरे राज्यों की तुलना बिहार से नहीं की जा सकती. यूपी और बिहार की सबसे बड़ी समस्या मजदूरों का पलायन है, जिसका असर वोटिंग परसेंटेज पर पड़ता है.

बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि पश्चिम बंगाल और दूसरे राज्यों से बिहार की तुलना नहीं की जा सकती है. बिहार और उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में मजदूरों का माइग्रेशन होता है और ये मजदूर वोट डालने आते नहीं हैं. इसका बड़ा असर वोटिंग परसेंटेज पर पड़ता है.

जानकारी देते मुख्य निर्वाचन अधिकारी

वोटर लिस्ट में नहीं हुई गड़बड़ी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वोटर लिस्ट में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट को लेकर बहुत ही एहतियात बरती गयी थी. दिन-रात इस पर काम हुआ.

2014 की अपेक्षा बढ़ा मतदान प्रतिशत
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि 2014 से जब हम तुलना करते हैं, तो 2019 में वोटिंग परसेंटेज बढ़ा है. यह चुनाव आयोग के प्रयास से ही संभव हुआ है. 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस साल इजाफा हुआ है. लेकिन अभी बिहार में वोटिंग परसेंट 60 या उससे कम हुआ है. कई लोकसभा सीटों पर 50% और उससे कम वोटिंग परसेंटेज देखने को मिला है.

चुनाव आयोग के लिए चुनौती
अब चुनाव आयोग ने इसे एक बार फिर चुनौती के रूप में फिर लिया है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीनिवासन के अनुसार आगे जो भी संभव होगा. आयोग वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने के लिए उस दिशा में कार्य करेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details