राजस्थान/पटना : बूंदी में बिहार के 45 मजदूरों के मामले में अब राजनीति तेज हो गई है. 6 दिन पहले कांग्रेस कार्यालय में इन बिहार के मजदूरों को कांग्रेस नेताओं ने बिहार भेजने के लिए आश्वासन दिया था और इनके साथ फोटो खिंचवाया थी. लेकिन आश्वासन के बाद भी बिहार के मजदूरों को उनके घर नहीं भेजा गया, जिससे मजदूर परेशान हैं.
देश के सभी राज्यो में मजदूरों का पलायन भी तक भी नहीं रुका है. यूपी में बसों को लेकर कांग्रेस-बीजेपी की राजनीति चल रही है. उधर कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में मजदूरों ने कांग्रेस के नेताओं पर आरोप लगाए है कि उन्हें 6 दिन पहले कांग्रेस नेताओं ने बिहार जाते समय रुकवा लिया था और ये आश्वासन दिया गया था कि उन्हें वापस भेजा जाएगा. इसके साथ ही फोटो खिंचवा कर शहर के देवपुरा रैन बसरा भेज दिया गया. मजदूरों का कहना है कि इनके खाने पीने की व्यवस्था नहीं करवाई गई है. लेकिन न तो कोई गाड़ी आई, न ही कोई कांग्रेस नेता हमारे पास आए. हम यहां रुके हुए एक समय का ही खाना मिल रहा है और शाम का खाना नहीं मिल पा रहा है.
बूंदी से बिहार जाना चाहते थे 45 मजदूर
सभी मजदूर बूंदी की कृषि उपज मंडी में हम्माली का काम किया करते थे और जैसे ही लॉक डाउन लगा, तो सभी अपने गांव जाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाने लगे. लेकिन प्रशासन ने उनकी नहीं सुनी. इसके बाद उन्होंने खुद ही पैदल जाना उचित समझा. ऐसे में यह मजदूर पैदल जा रहे थे, तभी कांग्रेस नेताओं ने इन्हें रोक लिया. इन मजदूरों को आजाद पार्क स्थित कांग्रेस कार्यालय में ले जाया गया. जहां पर इनकी स्क्रीनिंग करवाई गई और मेडिकल करवाने के बाद इन मजदूरों को खाना खिलाया गया. और रैन बसेरे पर यह आश्वासन देकर भेज दिया कि सभी मजदूरों को जल्द इनके गांव बिहार रवाना करवा दिया जाएगा.