पटनाः बिहार में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है और प्रवासी मजदूरों के बिहार आने से स्थिति बेकाबू होती जा रही है. सरकार के पास फिलहाल पर्याप्त संसाधन नहीं है और जांच के मामले में बिहार निचले पायदान पर है. अब हालात से निपटने के लिए स्पेशल पैकेज की मांग उठने लगी है.
कोरोना वायरस से निपटने के लिए बिहार को मिले स्पेशल पैकेज
लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर बिहार लौटना चाहते हैं. 30 लाख से ज्यादा मजदूरों ने बिहार लौटने का आवेदन सरकार को दे रखा है. इन सबके बीच कोरोना वायरस का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और जांच किट पर्याप्त नहीं है. जिससे हालात पर काबू पाया जा सके. कोरोना से निपटने के लिए स्पेशल पैकेज की मांग भी उठने लगी है.
बिहार में कोरोना लगातार पांव पसार रहा
आपको बता दें कि प्रवासी मजदूरों के पलायन से पहले बिहार में कोरोना के मामले नियंत्रण में थे. हर रोज औसतन 10 मामले प्रकाश में आ रहे थे. लेकिन अब यह आंकड़ा 100 के आस पास चला गया है और रोज मामले बढ़ रहे हैं. पुराना संक्रमित टॉप 14 राज्यों की सूची में 10 लाख की आबादी पर सबसे कम 313 जांच बिहार में हो रहे हैं.
मई महीना खतरनाक साबित हो रहा है और कोरोना लगातार पांव पसार रहा है.
आइये एक नजर डालते हैं बिहार के आंकड़ों पर -
1 मई को संता बंता के मामले सामने आए थे, कुल संख्या 466 थी और 1606 जांच किए गए थे.
2 मई को 10 मामले प्रकाश में आए, जिससे संख्या बढ़कर 476 हो गई, कुल 1122 जांच किए गए.
3 मई को 9 मामले सामने आए, कुल संख्या बढ़कर 485 तक पहुंची और 1394 जांच किए गए.
4 मई को 40 मामले सामने आए, कुल संख्या बढ़कर 525 हुई और 356 जांच हुए.
5 मई को 4 मामले सामने आए, कुल संख्या बढ़कर 529 हुई और 537 किए गए.
6 मई को 10 मामले प्रकाश में आए, कुल संख्या बढ़कर 539 हुए और 513 जांच किए गए.