पटना: शिक्षा विभाग राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 के बच्चों को मिड डे मील के परिवर्तित मूल्य की दर से राशि उनके खाते में भेजेगा. कोरोना संक्रमण से बचाव के चलते स्कूल बंद रहने के कारण बच्चों का खाद्यान्न और खाना पकाने की लागत की राशि उनके बैंक के खाते में भेजने का निर्देश शिक्षा विभाग ने दिया है. इधर, प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए दिसंबर और जनवरी महीने के वेतन की राशि की शिक्षा विभाग ने जारी की है.
यह भी पढ़ें -जितपारपुर और प्राणपुर में नहीं खुल पाएंगे स्कूल, विधायक के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने दिया जवाब
समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत बिहार के प्रारंभिक स्कूलों के शिक्षकों के 2 महीने के वेतन भुगतान के लिए 1764 करोड़ रुपए बिहार शिक्षा परियोजना ने जारी किया है. इससे दिसंबर और जनवरी महीने के वेतन की राशि शिक्षकों को मिलेगी. बिहार शिक्षा परियोजना ने 3 दिन के अंदर शिक्षकों के खाते में राशि भुगतान का निर्देश भी जारी किया है.
इधर, मिड डे मील योजना के तहत करीब 72 हजार सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को 45 कार्य दिवस का खाद्यान्न और उसे पकाने पर होने वाले खर्च के पैसे मिलेंगे. इन 72 हजार सरकारी स्कूलों में से 29 हजार मिडिल स्कूल हैं, जबकि बाकी 43 हजार स्कूल प्रारंभिक कक्षा के हैं. इन स्कूलों में बच्चों की संख्या करीब 1.66 करोड़ है.
बच्चों के बैंक खाते में ट्रांसफर होगा राशि
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, 45 कार्य दिवस के लिए कक्षा 1 से 5 के बच्चों के लिए प्रति बच्चा प्रति कार्य दिवस सौ ग्राम खाद्यान्न की दर से 4.5 किलोग्राम खाद्यान्न, जबकि कक्षा 6 से 8 के बच्चों के लिए प्रति बच्चा प्रति कार्य दिवस 150 ग्राम खाद्यान्न की दर से 6.75 किलोग्राम खाद्यान्न मिलेगा. यह राशि डीबीटी के माध्यम से बच्चों के बैंक खाते में ट्रांसफर होगी.
यह भी पढ़ें -विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने विपक्ष पर किया वार, आक्रमक हुए विपक्षी नेता
कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार छात्रों की लगेगी क्लास
आपको बता दें कि बिहार में कक्षा 1 से 5 तक के स्कूल अब तक नहीं खुले हैं. इन्हें 1 मार्च से खोलने की सरकार की योजना है. जानकारी के मुताबिक कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों के लिए आज शिक्षा विभाग एसओपी गाइडलाइंस जारी कर सकता है. जानकारी के अनुसार, कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए रोजाना कक्षा में 50 फीसदी बच्चों की ही उपस्थिति होगी. इसका मतलब है कि कक्षा में जितने छात्र हैं उनमें से 50 फीसदी 1 दिन स्कूल आएंगे. वहीं, बाकी के 50 फीसदी अगले दिन उपस्थित होंगे.