पटना: लंबित योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने में नई सरकार जुट गई है. राज्य के 100 से अधिक आबादी वाले टोलों में पक्की सड़क का निर्माण मार्च 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. ग्रामीण कार्य विभाग ने इस लक्ष्य को पूरा करने की रणनीति पर तेजी से काम शुरू कर दिया है.
100 से अधिक आबादी वाले टोलों में मार्च 2021 तक पक्की सड़कें बनाने का रखा लक्ष्य
बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही सभी विभाग सक्रिय रूप से अपने लंबित योजनाओं को पूरा करने में जुट गए हैं. राज्य के 100 से अधिक आबादी वाले टोलों में पक्की सड़क का निर्माण मार्च 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित
इस संबंध में विभाग के सचिव पंकज पाल ने बताया कि राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं को हर हाल में पूरा करने के लिए लक्ष्य तय किया गया है. ग्रामीण इलाकों को पक्की सड़कों से जोड़ने के लिए विभिन्न योजनाएं चल रही हैं. 500 से अधिक आबादी वाले टोलों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से सड़कों का निर्माण हो रहा है. जबकि 500 से कम और ढ़ाई सौ से अधिक आबादी वाले टोलों में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना से सड़कों का निर्माण हो रहा है. लेकिन सरकारी योजना शुरू होने के बाद 100 से अधिक आबादी वाले टोलों में भी पक्की सड़क बनाने की मांग उठाने लगी.
ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना की शुरुआत
लोगों के अनुरोध पर ही सरकार ने 100 से अधिक और 249 से कम आबादी वाले 2 टोलों में पक्की सड़क बनाने का निर्माण कार्य शुरू किया है. इसके लिए ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना की शुरुआत हुई.
- सचिव की बड़ी बातें
ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत साल 2016 में या काम शुरू हुआ.
उस वर्ष राज्य में ऐसे दो टोलों की पहचान की गई जिनकी आबादी 100 से 249 के बीच थी.
विभाग के द्वारा कराए गए सर्वे में 100 से 249 आबादी वाले कुल 4643 टोलों की पहचान हुई.
इन दोनों की पक्की सड़क से जोड़ने के लिए 2888 करोड़ खर्च होने का प्रस्ताव बना है.
इन दोनों में 3977 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होने का प्रस्ताव है.
उस समय से मौजूदा वित्तीय वर्ष में अब तक 4300 से अधिक टोलों में पक्की सड़क का निर्माण हो चुका है.