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RJD की 'अगस्त क्रांति': 1 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य, सभी जातियों को पार्टी से जोड़ने पर जोर - RJD for vidhansabha election in bihar

राजद विधानसभा चुनाव के चलते 9 अगस्त से सदस्यता अभियान शुरू कर रही है. सदस्यता अभियान के लिए आवेदन पत्र दिए जा रहे हैं. उसके साथ इंस्ट्रक्शन भी दिया जा रहा है. जिसको भी सदस्य बनाया जाए, उसकी जाति की जानकारी मेंबरशिप फॉर्म में जरूर भरी जाए

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Published : Aug 6, 2019, 9:57 PM IST

पटना: बिहार में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसको लेकर प्रदेश के सभी राजनीतिक दल जोर शोर से सदस्यता अभियान चला रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल में संगठनात्मक चुनाव भी होने हैं. वहीं, पार्टी 9 अगस्त से सदस्यता अभियान शुरू करने जा रही है. इस अभियान में राजद का विशेष जोर इस बात पर है कि अगड़ी जाति और अति पिछड़ों को विशेष रूप से ज्यादा से ज्यादा संख्या में पार्टी से जोड़ा जाए.

ईटीवी भारत ने पार्टी कार्यालय पहुंच राजद के सदस्यता अभियान का जायजा लिया है. पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद यह बात अच्छी तरह समझ चुकी है कि समाज के तमाम तबकों को जोड़ना कितना जरूरी है. यही वजह है कि मुस्लिम और यादव की पार्टी समझी जाने वाली राजद इस बार तमाम जातियों पर ध्यान देगी. पार्टी का विशेष जोर इस बात पर है कि ज्यादा से ज्यादा अन्य जातियों के लोगों को पार्टी से और संगठन से जोड़ा जाए.

जानकारी देते संवाददाता

फॉर्म में भरी जाएगी जाति...
पार्टी के नेता इस बारे में बहुत कुछ खुलकर नहीं बोल रहे हैं लेकिन उनका संकेत इस बात पर जरूर है कि लोकसभा चुनाव में जो गलतियां हुई और जिस तरह पार्टी की एक नकारात्मक छवि बनी हुई है. उससे निकलना बहुत जरूरी है. यही वजह है कि इस बार जो सदस्यता अभियान के लिए आवेदन पत्र दिए जा रहे हैं उसके साथ इंस्ट्रक्शन भी दिया जा रहा है. जिसको भी सदस्य बनाया जाए, उसकी जाति की जानकारी मेंबरशिप फॉर्म में जरूर भरी जाए.

तेजस्वी की गैरमौजूदगी में सदस्यता अभियान!
9 अगस्त से शुरू होने वाले सदस्यता अभियान को लेकर राजद के प्रदेश कार्यालय में हलचल बढ़ गई है. विभिन्न जिलों से लोग पार्टी ऑफिस पहुंच रहे हैं. सदस्यता अभियान का फॉर्म ज्यादा से ज्यादा लेकर रवाना हो रहे हैं. हालांकि, तेजस्वी यादव बिहार में हैं या नहीं. इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं, पार्टी सुप्रीमो लालू यादव जेल में हैं. ऐसे में बिहार में पार्टी का सदस्यता अभियान कितना सफल हो पाएगा, ये तो आने वाला समय ही बताएगा. वहीं, पार्टी नेताओं की माने तो लालू यादव का नाम ही काफी है. उनका नाम नहीं बल्कि विचार है. उनके नाम पर ही लोग पार्टी से जुड़ जाएंगे.

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