पटना: राजधानी में गुरुवार को पटना मेट्रो को लेकर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के साथ बैठक हुई. ये बैठक नगर विकास और आवास विभाग के सचिव सह पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आनंद किशोर की अध्यक्षता में संपन्न हुई.
इस बैठक में नगर विकास और आवास विभाग के विशेष सचिव संजय दयाल, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के डायरेक्टर (वर्क्स) दलजीत सिंह, डीएमआरसी के परियोजना निदेशक सुशील कुमार, बुडको के चीफ इंजीनियर आईसी ठाकुर, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के डिप्टी चीफ इंजीनियर, सिटी मजिस्ट्रेट, एनएचएआई के अधिकारी, वन विभाग, विद्युत विभाग, भवन निर्माण और पथ निर्माण विभाग से जुड़े अधिकारी और बुडको के अन्य इंजीनियर भी उपस्थित रहे.
'भू-अधिग्रहण के लिए DMRC ने PMRC को भेजा प्रस्ताव'
सचिव सह प्रबंध निदेशक ने मेट्रो रेल निर्माण को लेकर तीव्र गति से भू अधिग्रहण पूरा करने के निर्देश दिए, ताकि मेट्रो के निर्माण में गति आ सके. सचिव ने अधिग्रहण के विषय पर अधिकारियों से पूछा कि उन्हें कहां और किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं. सचिव ने भू-अर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अगर किसी भी तरह कि कहीं समस्या है, तो उसे तुरंत संज्ञान में लाएं. दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि आईएसबीटी से मलाईपकड़ी तक भू-अधिग्रहण के लिए DMRC ने PMRC को प्रस्ताव भेज दिया है.
पटना मेट्रो को लेकर डीएमआरसी के अधिकारियों के साथ हुई बैठक 'भू-अधिग्रहण के कार्यों को छह महीने में पूरा करने के आदेश'
पटना के भू-अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि भूमि अधिग्रहण में सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट करना होता है. जिसके बाद फिर थर्ड पार्टी असेसमेंट होता है. इसके बाद दावा निराकरण या आपत्ति के लिए अखबारों में विज्ञापन दिया जाता है. इसके अलावा विलेज मैप पर खाता खेसरा भी देना पड़ता है. इस पर सचिव ने भू-अधिग्रहण के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर अधिकतम अगले छह महीने में पूरा करने के आदेश दिए. साथ ही इससे संबंधित प्रस्ताव बनाने का भी उन्होंने निर्देश दिया. जिसकी स्वीकृति राज्य सरकार से ली जाएगी.
'पटना मेट्रो की तरफ से की जाएगी संसाधनों की व्यवस्था'
सचिव ने भू अर्जन पदाधिकारी को यह भी निर्देश दिया कि मेट्रो के भूमि अधिग्रहण के लिए अलग से स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाये, जो सिर्फ पटना मेट्रो के जमीन अधिग्रहण के कार्य के लिए पूर्ण रूप से कार्य करेगी. साथ ही आउटसोर्सिंग के आधार पर भू-अर्जन हेतु अतिरिक्त मैन पावर हायर किया जाए. जिसका भुगतान पटना मेट्रो की ओर से किया जायेगा. वहीं, जरूरत पड़ने पर आवश्यक संसाधनों की भी व्यवस्था पटना मेट्रो की तरफ से की जाएगी.
'एक स्थान पर दस एकड़ से कम नहीं होनी चाहिए जमीन'
पटना मेट्रो के कास्टिंग यार्ड के लिए 250 एकड़ जमीन की आवश्यकता पांच साल के लिए होगी. सचिव के जरिए निर्देश दिया गया कि इसके लिए अखबारों में विज्ञापन निकाल कर आम लोगों से पांच साल पर लीज के लिए जमीन का प्रस्ताव मांगा जाए. यह 250 एकड़ जमीन एक जगह पर होना अनिवार्य नहीं है. यह जमीन अलग-अलग स्थानों पर भी हो सकती है, लेकिन किसी एक स्थान पर जमीन दस एकड़ से कम नहीं होनी चाहिए.
'पेड़ों का किया जाएगा ट्रांसलोकेशन'
सचिव आनंद किशोर ने कहा कि पटना मेट्रो के अलाइनमेंट के 10 से 12 किलोमीटर की परिधि में ही जमीन लीज पर ली जाएगी, जिसे पटना मेट्रो किराए पर लेगा. 5 वर्षों के लिए यह जमीन ली जाएगी, जिसकी आवश्यक शर्त यह होगी कि जमीन मुख्य सड़क से जुड़ी हो. वहीं, सचिव ने यह निर्देश दिया कि मेट्रो निर्माण के दौरान एक भी पेड़ को काटा नहीं जाएगा. सभी पेड़ों का ट्रांसलोकेशन किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने वन विभाग को आवश्यक कार्रवाई जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए है. वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिन पेड़ों को हटाना है, उसकी मार्किंग लाल रंग से की जा रही है. साथ ही जिन को नहीं हटाना है, उसे हरे रंग से अंकित किया जा रहा है.
'PMCH स्टेशन का लोकेशन करेगी तय'
बैठक में सचिव ने PMCH, गांधी मैदान और साइंस काॅलेज स्टेशनों की समस्या पर भी चर्चा की और उन्हें दूर करने के आदेश दिए. PMCH में बनने वाले 5000 बेड के अस्पताल के डिजाईन के आलोक में PMCH के सामने बनने वाले मेट्रो स्टेशन के डिजाईन पर भी चर्चा की गई. सचिव की ओर से निर्देश दिया गया कि कल पटना मेट्रो की टीम और BMSICL की टीम संयुक्त रूप से PMCH का निरीक्षण करेगी और PMCH स्टेशन का लोकेशन तय करेगी. वहीं, सचिव ने दिल्ली मेट्रो रेल काॅरपोरेशन लिमिटेड को यह आदेश दिया कि पटना मेट्रो के लिए सरकारी जमीन के हस्तांतरण का प्रस्ताव 15 अप्रैल तक दिया जाए. साथ ही बाकी बचे भूमि के अधिग्रहण का प्रस्ताव भी 15 अप्रैल तक जमा किया जाए.
'निःशुल्क पहुचाया जाएगा मिट्टी'
मेट्रो निर्माण कार्य के दौरान अगले तीन वर्षों में लगभग 13.50 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी निकलने का अनुमान है. इतनी अधिक मिट्टी को रखना और शीघ्र हटाना भी आवश्यक होगा. इस आलोक में सचिव ने मेट्रो निर्माण के दौरान खुदाई के कार्यों के बाद निकली मिट्टी के निष्पादन के लिए अखबारों में विज्ञापन निकालने के निर्देश दिए है. सचिव ने निर्देश दिया कि अगले 03 वर्षों के दौरान मेट्रो निर्माण के दौरान जितनी जमीन की खुदाई की जाएगी, उससे निकलने वाली मिट्टी को पटना मेट्रो के एलायनमेंट के आसपास 20 किलोमीटर तक के क्षेत्र में किसी को भी मिट्टी की आवश्यकता होने पर उसे उसके स्थान तक मिट्टी निःशुल्क पहुचाया जाएगा, जिसका परिवहन और अन्य सभी खर्चा पटना मेट्रो वहन करेगा. मिट्टी उपलब्ध कराने के लिए सरकारी विभागों को पहली प्राथमिकता दी जाएगी. उसके बाद आम जरूरतमंदों को भी मिट्टी निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. इस मिट्टी को मेट्रो की ओर से 20 किलोमीटर की परिधि के अंदर तक जरूरतमंदों के यहां निःशुल्क पहुंचाया जाएगा, लेकिन इसके लिए न्यूनतम मांग 10 हजार क्यूबिक मीटर मिट्टी की होनी चाहिए.
'अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के दिए निर्देश'
सचिव ने DMRC को बिजली के पोल और तार आदि से जुड़े मामलों को लेकर बिजली बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के निर्देश दिए है. साथ ही इस संबंध में 23-24 मार्च को एक बैठक भी आयोजित करने का आदेश दिया, जहां बिजली से संबंधित समस्याओं पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी. जिस दिन साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी और बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी के पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी.