पटनाः बिहार की राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में पिछड़ा अति पिछड़ा वर्ग को 52% आरक्षण लागू करने की मांग (Demand for 52 percent reservation in the meeting ) को लेकर एक बैठक की गई. अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्र कुमार सिंह चंदापुरी के नेतृत्व में यह बैठक हुई. बैठक में मिशन 2024 में नीतीश कुमार के जातीय जनगणना को स्टैंड बनाते हुए देशव्यापी आंदोलन की बात पर चर्चा की गई. इसमें कई जिलों और कई राज्यों के प्रतिनिधि और सदस्य शामिल हुए.
ये भी पढ़ेंः'आम आदमी को जातीय जनगणना से लाभ नहीं.. सिर्फ राजनेताओं को फायदा', मसौढ़ी की जनता की राय
विभिन्न राज्यों और जिलों के प्रतिनिधि हुए शामिलः इंद्र कुमार चंदापुरी ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद पिछड़े वर्गों के स्वाभिमान आरक्षण संवैधानिक अधिकारों को उनके नीति निर्माण संबंधित मुद्दों पर राजनीतिक तकनीकी व गैर न्यायिक अड़चनों को पैदा करके इनके विकास को अवरुद्ध कर दिया गया. ऐसे में यह सब चुप नहीं बैठेंगे. सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे. आने वाले 2024 लोकसभा चुनाव में इसकी रूपरेखा सम्मेलन आयोजित की जाएगी. कार्यक्रम की अध्यक्षता किशनलाल मोहन सिंह ने की.
हाईवे का नाम शिवाजी के नाम रखने की मांग: बैठक में पटना-गया राष्ट्रीय राज्य मार्ग का नाम छत्रपति शिवाजी हाईवे करने पर भी बैठक में चर्चा हुई. संस्थापक त्यागमूर्ति आर एल चंदापुरी को पिछड़ों अति पिछड़ों का मसीहा बताया गया. इससे वर्गों की आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ने की जरूरत बताई. कार्यक्रम में मुखिया रिंकू सिंह इंजीनियर, केके सिंह चंदापुरी, जिला पार्षद विजय यादव, उदय सिंह, राजेश चौधरी ,सुभाष सिंह, सुबोध कुमार ,शोभा देवी, धनंजय कुमार चंद्र मोहन पटेल, शिल्पी देवी, समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए.
"आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद पिछड़े वर्गों के स्वाभिमान आरक्षण संवैधानिक अधिकारों को उनके नीति निर्माण संबंधित मुद्दों पर राजनीतिक तकनीकी व गैर न्यायिक अड़चनों को पैदा करके इनके विकास को अवरुद्ध कर दिया गया. ऐसे में यह सब चुप नहीं बैठेंगे"-इंद्र कुमार सिंह चंदापुरी, राष्ट्रीय अधयक्ष, अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ