पटनाःरेडक्रॉस सोसाइटी के फर्जी बिल पर ब्लड बेचकर लोगों को चूना लगाने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मामला पाटलिपुत्रा थाना क्षेत्र के मेडिपार्क हॉस्पिटल का है, जहां ये कर्मचारी काम करता है. यह शख्स 1 साल से ये धंधा कर रहा था. लेकिन अस्पताल प्रशासन ने भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. लोगों का आरोप है कि खून बेचने का यह खेल अस्पताल प्रशासन की मिलीभगत से खेला जा रहा था.
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी और जानकारी देते परिजन मेडिपार्क हॉस्पिटल का है मामला
राजधानी पटना के प्राइवेट अस्पतालों के दलाल अब रेडक्रॉस के नाम पर भी लोगों का खून चूसने से परहेज नहीं कर रहे हैं. इस मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब पाटलिपुत्रा थाना क्षेत्र के मेडिपार्क हॉस्पिटल के कर्मचारी पवन कुमार ने रेड क्रॉस के फर्जी बिल पर आरा के एक मरीज को चूना लगाया. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी पवन को गिरफ्तार कर लिया है.
आरा के मरीज को लगाया था चूना
दरअसल, आरा के एक मरीज कुछ दिन पहले इस अस्पताल में इलाज के लिए एडमिट हुए थे. उन्हें अचानक इलाज के दौरान खून की जरूरत पड़ गई. इसी अस्पताल में मौजूद अस्पताल के कर्मचारी पवन ने दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था 5 हजार रुपये में करने का आश्वासन मरीज के परिजनों को दिया. पवन ने रेड क्रॉस सोसाइटी के फर्जी बिल पर दो यूनिट खून मरीज के परिजनों को थमा दिया.
आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
बाद में परिजनों को शक हुआ की खून और रेडक्रॉस का बिल सही नहीं है. उन्होंने मामले की त्वरित जानकारी पाटलिपुत्रा थानाध्यक्ष केपी सिंह को दी. मौके पर पहुंचे पाटलिपुत्र थानाध्यक्ष ने करवाई करते हुए पवन को अस्पताल परिसर से रंगे हाथों धर दबोचा. बताया जा रहा है कि पवन कई महीनों से हॉस्पिटल के अंदर दूर-दराज से आए गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार को रेड क्रॉस के नाम पर खून बेचता था.
अस्पताल प्रशासन ने नहीं खोली जबान
वहीं, इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई भी स्पष्टीकरण देने से इंकार कर दिया गया. अस्पताल का कोई भी कर्मी कैमरे के सामने बोलने के लिए तैयार नहीं है. गौरतलब है कि मेडिपार्क अस्पताल का कारनामा पहले भी मीडिया में कई बार आ चुका है. अब देखना होगा कि प्रशासन और रेड क्रॉस सोसाइटी के जरिए आरोपी के खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई की जाती है.