पटनाः बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले अनुपम आनंद जूठे भोजन और होटलों से इकट्ठा बचे भोजन को बेस्ट बनाकर पशु आहार तैयार करवाते हैं. अनुपम आनंद राजधानी के बड़े-बड़े होटलों से बचा और जूठा भोजन रोजाना मंगवाते हैं और इससे पशु आहार तैयार करवा कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. यहां रोजाना 1 क्विंटल वेस्ट भोजन से पशु आहार तैयार होता है, जहां 10 से 12 लोगों को रोजगार भी दिए गए हैं. सबसे पहले मजदूरों द्वारा वेस्ट फूड एकत्र किया जाता है. इसके बाद मशीन में उसकी सफाई होती है और फिर अलग-अलग करके सुखाया जाता है. इसके बाद उसकी प्रोसेसिंग होती है. उसमें पौष्टिक सामग्री भी मिलाई जाती है और फिर गुणवत्ता की जांच के बाद ही इसकी पैकिंग की जाती है.
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शादी में बर्बाद होते भोजन को देख आया आइडियाःअनुपम आनंद पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अनुपम ने बताया कि उन्होंने इसकी शुरुआत तब कि जब उन्होंने अपने घर की शादी में भोजन को बर्बाद होते देखा, तब उनके मन में ख्याल आया कि इस वेस्ट भोजन का अब कोई उपयोग नहीं हो सकता है, साथ ही साथ गंदगी और बदबू भी देगा. जिसके बाद उन्होंने रिसर्च शुरू किया और आज सफलता पाई है. उन्होंने बताया कि अभी तो फिलहाल पटना के बड़े-बड़े होटलों से जूठे और बचे हुए भोजन को मंगाकर पशु आहार तैयार करवा रहे हैं, लेकिन आने वाले समय में राजधानी के विभिन्न होटलों से जूठे भोजन को मंगवा कर बड़ी मात्रा में पशु आहार तैयार करेंगे.
"बहुत जल्द मेरा प्रयास है कि इस तरह के फ्रेंचाइजी अन्य शहरों में भी देंगे, जहां पर लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही साथ जब पटना सेंटर पर काम बढ़ेगा तो यहां पर भी अन्य और लोगों को रोजगार दिया जाएगा. अभी तो फिलहाल कम लोगों को ही रोजगार दे पाए हैं. मेरे इस प्रयास से होटल वाले भी काफी खुश रहते हैं"-अनुपम आनंद, मैकेनिकल इंजीनियर
होटल वाले भी रहते हैं खुशःअनुपम आनंद ने बताया कि उन्हें ये काम करते 5 साल हो गए हैं. होटल वाले भी काफी सहयोग करते हैं क्योंकि नगर निगम के तरफ से जो कचरा उठाने वाली टीम है, उसमें ही वेस्ट भोजन को डाला जाता है. जहां पर इसे डंपिंग कर दिया जाता है जो कि कुछ घंटे के बाद ही बदबू देने लगते हैं. जो लोगों के लिए हानिकारक भी होता है और स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है. उनके द्वारा इस प्रयास से होटल वाले भी काफी खुश रहते हैं और कहते हैं कि काफी अच्छा प्रयास किया है.
अनुपम आनंद कहते हैं-"पहले हमने जब कपिला पशु आहार तैयार करवाया था, तो सबसे पहले अपने घर के मवेशियों को खिलाकर ट्राई किया था. खिलाने से फायदा हुआ. मवेशी दूध ज्यादा मात्रा में देने लगे, उसके बाद ही बाजार में इसे उपलब्ध कराया गया. जिसका नतीजा है कि आज प्रति महीने लाखों रुपये की कमाई भी हो रही है. अब आगे प्लानिंग है ज्यादा मात्रा में वेस्ट भोजन को उठाया जाए और ज्यादा मात्रा में कपिला पशु आहार तैयार कराया जाए, जिससे कि ज्यादा कमाई हो सके और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार भी मिल सके".
पशुओं के लिए फायदेमंद है कपिला पशु आहारः मैकेनिकल इंजीनियर अनुपम आनंद ने साफ तौर पर बताया कि वेस्ट भोजन जिसको लोग कचरा में फेंक देते यह पशुओं के लिए ज्यादा फायदेमंद है, क्योंकि जो भोजन हम लोग खाते हैं उस भोजन से पौष्टिक कपिला पशु आहार तैयार होता है, जो काफी उत्तम भी होता है. क्योंकि जो अन्य पशु आहार है उसको भूसी और कई कैमिकल से मिलाकर के तैयार किया जाता है लेकिन कपिला पशु आहार में चावल, दाल, पनीर, मटन, मुर्गा, रोटी, साग और कई प्रकार के भोजन इसमें रहते हैं और इसको रीसाइक्लिंग करके जब पशु आहार तैयार किया जाता है तो वो पशुओं के लिए काफी फायदेमंद है.