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पैरोल अर्जी पर शहाबुद्दीन को दिल्ली हाई कोर्ट का सुझाव, तिहाड़ में ही परिवार से मिलें - शहाबुद्दीन मामले में हाईकोर्ट की सुनवाई

आरजेडी के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन अपनी बीमार मां को देखने के लिए सीवान जाने के लिए कोर्ट से कस्टडी पैरोल की मांग की थी, जिसके बाद हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए शहाबुद्दीन को अपने परिवार को दिल्ली बुलाकर तिहाड़ जेल में मिल लेने की सलाह दी है.

शहाबुद्दीन को दिल्ली हाई कोर्ट का सुझाव
शहाबुद्दीन

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Published : Nov 4, 2020, 5:45 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने आरजेडी के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को अपनी बीमार मां को देखने के लिए सीवान जाने के लिए कस्टडी पैरोल पर रिहा करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने परिवार को दिल्ली बुलाकर तिहाड़ जेल में मिल लेने की सलाह दी है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के बाद इस मामले पर अगली सुनवाई 11 नवंबर को करने का आदेश दिया है.

बीमार मां से मिलने के लिए कस्टडी पेरोल की मांग

शहाबुद्दीन ने याचिका दायर कर अपनी बीमार मां से मिलने के लिए सीवान जाने की अनुमति मांगी थी. याचिका में कहा गया था कि शहाबुद्दीन के पिता की पिछले 19 सितंबर को मौत हो गई थी और वो अपने पिता के कब्र पर जाकर नमाज अदा करना चाहता है. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार और बिहार पुलिस ने शहाबुद्दीन को सुरक्षा देने में असमर्थता जताई. दिल्ली सरकार की ओर से वकील संजय लॉ ने कहा कि कोरोना के संकट काल में शहाबुद्दीन को एस्कोर्ट करना कठिन काम है और शहाबुद्दीन की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए.

देखें रिपोर्ट


बिहार और दिल्ली सरकार ने सुरक्षा देने से इनकार किया

बिहार सरकार की ओर से वकील केशव मोहन ने कहा कि अगर शहाबुद्दीन को कस्टडी पेरोल पर रिहा किया जाता है, तो ये दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी है कि वो सुरक्षा दे. बिहार सरकार और दिल्ली सरकार की सुरक्षा देने की अनिच्छा जाहिर करने पर कोर्ट ने शहाबुद्दीन को सलाह दी कि वो अपने परिवार को दिल्ली क्यों नहीं बुला लेता, उसे अपने परिवार से मिलने के लिए अलग जगह उपलब्ध करा दिया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बिहार से तिहाड़ शिफ्ट किया गया था

बता दें कि 15 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन को बिहार से तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया था. बिहार के सीवान के दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन और चर्चित तेजाब कांड में तीन बेटों को गंवा चुके चंदा बाबू ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर ये मांग की थी कि शहाबुद्दीन को बिहार से दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट किया जाए. 30 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने तेजाब कांड में शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था. पटना हाईकोर्ट ने शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

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