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मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष का बयान, कहा - समय पर होता है मामलों का निपटारा - ऑनलाइन माध्यम से शिकायतें दर्ज

मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष उज्जवल कुमार दुबे ने बताया कि 2019 तक कुल 60,583 मामले दर्ज हुए थे, जिनमें से 54,704 मामलों का निष्पादन हो चुका है और 5,869 पुराने मामले पेंडिंग है.

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Published : Jun 24, 2020, 6:55 PM IST

पटना:मानवाधिकार आयोग में शिकायतों का निपटारा नहीं होने के मुद्दे पर आयोग के अध्यक्ष और पूर्व डिस्ट्रिक्ट जज उज्जवल कुमार दुबे ने कहा कि 2019 से मानवाधिकार आयोग में ऑनलाइन माध्यम से शिकायतें दर्ज करवाने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान न्यायालय और कार्यालय बंद होने की वजह से शिकायतों पर सुनवाई नहीं की जा रही थी, जिसके वजह से शिकायतों का अंबार लगा हुआ था. लेकिन लॉकडाउन के बाद ज्यादा से ज्यादा मामलों का निपटारा किया जा रहा है.

मानवाधिकार आयोग का कार्यालय

मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष उज्जवल कुमार दुबे ने कहा कि 2019 से पहले सिर्फ ऑफलाइन माध्यम से शिकायतकर्ता अपना शिकायत दर्ज करवाते थे. पहले की अपेक्षा अब ज्यादा मामले ऑनलाइन के माध्यम से ही दर्ज होते हैं. उन्होंने बताया कि अब तक कुल 8,000 मामले लंबित हैं, जिनका जल्द से जल्द निष्पादन कर दिया जाएगा.

3 हजार से अधिक नए मामले दर्ज
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष उज्जवल कुमार दुबे ने बताया कि 1 जनवरी 2020 से अब तक के कुल 3,814 नए मामले दर्ज हुए हैं. जिसमें से अब तक के 1,717 मामलों का निष्पादन हो चुका है. वहीं, 2,097 मामले का निष्पादन होना बाकी है. उज्जवल कुमार ने बताया कि पिछले साल के बचे कुल 5,869 मामलों में से 1,180 मामलों का निष्पादन लॉकडाउन खुलने के बाद किया गया है.

मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष उज्जवल कुमार से खास बातचीत

पुलिस से जुड़े मामले ज्यादा होते हैं दर्ज
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष उज्जवल कुमार ने बताया कि आयोग में सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए समय पर निष्पादन किया जा रहा है. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद ही मानवाधिकार आयोग अपना निर्णय लेती है. उन्होंने बताया कि ज्यादातर पुलिस से जुड़े मामले मानवाधिकार आयोग में आते हैं. हालांकि उन्होंने इस बात को खारिज किया कि मानवाधिकार आयोग में मामलों का निपटारा समय पर नहीं हो रहा है. उनका कहना है कि आयोग किसी के भी पक्ष में जजमेंट नहीं करती है, वैसे ही लोग गलतफहमी के शिकार हो जाते हैं.

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