पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में दीघा कृषि भूमि आवास बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में एक आक्रोश मार्च (Anger March) निकाला गया. यह आक्रोश मार्च दीघा विधायक डॉक्टर संजीव चौरसिया के नेतृत्व निकाला गया. मार्च राजीव नगर रोड नंबर-1 से शुरू होकर नेपाली नगर, जय प्रकाश नगर से होते हुए बीरकुंवर सिंह चौक पर पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया.
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इस आक्रोश मार्च में हजारों लोगों की भागीदारी रही. सभी के मन में एक ही सवाल कुंध रहा था कि आखिर कब तक हजारों लोगों के ऊपर पादधिकारी और पुलिस के माध्यम से शोषण किया जाता रहेगा. संघर्ष समिति मोर्चा के महासचिव वीरेंद्र सिंह ने बताया कि आए दिन पुलिसकर्मी के माध्यम से अवैध वसूली की जाती है. जो लोग पैसे नहीं देते हैं, उन्हें जेल भेज दिया जाता है. इसके साथ ही गैर कानूनी नोटिस भी भेज दी जाती है.
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उन्होंने बताया कि घर खाली कराने को लेकर 10 अगस्त को एक नोटिस जारी की गई है. जिसमें लिखा गया है कि जबरन घर खाली करा दिया जाएगा. महासचिव वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हमलोग जान दे देंगे लेकिन घर खाली नहीं होने देंगे. आने वाले समय में सरकार इस समस्या का समाधान नहीं निकालती है, तो इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
वहीं संघर्ष समिति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष लालटुना झा ने कहा कि प्रशासन के माध्यम से दिन-प्रतिदिन अत्याचार बढ़ता जा रहा है. प्रशासन के माध्यम से अवैध वसूली की जा रही है. जो लोग एक बार पैसे दे देते हैं, उन लोगों से दोबारा अवैध वसूली की जाती है.
'रिटायर्ड पुलिस अधीक्षक कुमार अमर सिंह के नाम से 1024 एकड़ में न कोई जमीन है न कोई परिसंपत्ति है. उनकी पत्नी के नाम से जो मकान है उसे कैसे कोई खाली करा सकता है. यहां एक राघवेंद्र नामक व्यक्ति को जबरदस्ती गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि उनका कोई जमीन और मकान ही नहीं है. आवास बोर्ड का कर्मी आए दिन अवैध दोहन करते हैं. इन सभी पर रोक लगाने के लिए माननीय उप मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता में कहा कि एसएसपी और आवास बोर्ड के प्रबंध निदेशक को बुलाया है.' -श्रीनाथ सिंह अध्यक्ष, संघर्ष समिति मोर्चा
संघर्ष समिति के अध्यक्ष नाथ सिंह ने कैम्प पर नियुक्त अफसर और स्थानीय पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि गलत तरीके से दोहन और शोषण करना बंद करो नहीं तो खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहो. वहीं, जन समुदायक बार-बार एक ही नारा दे रहे थे कि अब नहीं सहा जा रहा है पुलिस का दमन.