पटनाःराजधानी में गरीबों के अशियानों पर चले बुलडोजर ने उनकी मुसीबत बढ़ा दी है. अतिक्रमण के नाम पर उजाड़े गए इन गरीबों के पास अब रहने के लिए कोई छत नहीं है. घर का सामान सड़कों पर बिखरा पड़ा है और जिंदगी पहाड़ सी लग रही है. प्रशासन ने शहर को स्मार्ट बनाने के लिए इन्हें उजाड़ तो दिया, लेकिन दोबारा बसाने की जिम्मेदारी नहीं ले रही है.
अतिक्रमण हटाए जाने के बाद बेघर हुए लोग हाईकोर्ट के आदेश पर चल रहा मेगा अभियान
दरअसल राजधानी को स्मार्ट बनाने के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन इन दिनों कई इलाकों में अतिक्रमण के खिलाफ मेगा अभियान चला रही है. सरकारी जमीन पर लगी झुग्गी झोपड़ी को हटाया जा रहा है. सरकार ने वेंडर जोन बनाकर गरीब को व्यवसाय कराने की योजना तो सोची है. लेकिन बेसहारा गरीब को दोबारा बसाने के लिए सरकार की तरफ से कोई उपाय नहीं किए गए हैं.
बच्चों के सामने पढ़ाई छूटने का डर
प्रमंडलीय आयुक्त के आदेश पर हाईकोर्ट और बिजली विभाग के पीछे सरकारी जमीन पर गरीबों के बने आशियाने को जिला प्रशासन ने उजाड़ दिया. 7 साल के रहमान की आंखों में घर उजड़ने की साफ झलक दिख रही थी. सलमान बताते हैं कि हम किराए पर घर लेकर नहीं रह सकते, क्योंकि हम लोगों के पास पैसे की कमी है, इसलिए हम लोग इस खाली सरकारी जमीन पर घर बनाकर रह रहे थे. हम यहीं से अपनी पढ़ाई करते थे, रहमान ने बताया कि किसी तरह घर लेकर हम अपनी पढ़ाई पूरी करेंगे. जितने भी समान हैं वह हम गांव वापस भेज देंगे.
आनंद किशोर, प्रमंडलीय आयुक्त शिवानंद तिवारी की सरकार से अपील
वहीं, आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि वह गरीबों के मसीहा के लिए जाने जाते हैं. इसलिए सरकार को विचार करके अपनी राय हाईकोर्ट के सामने रखनी चाहिए, ताकि बेसहारा गरीबों को आशियाना मिल सके. शिवानंद तिवारी ने कहा कि स्मार्ट शहर बनाने की एवज में समर्थ पटना बने तो बात समझ में आती है. लेकिन यहां असमर्थ लोगों को उजाड़ा जा रहा है. इसलिए अपने कामों पर सरकार को एक बार फिर से विचार करना चाहिए.
घर उजड़ने के बाद बयान देता पीड़ित बच्चा और प्रमंडलीय आयुक्त सड़क पर झोपड़ी बनाकर रहना गलत- प्रमंडलीय आयुक्त
बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर प्रमंडलीय आयुक्त लगातार पटना के कई इलाकों में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. लेकिन जब हमने उनसे इन गरीबों और बेसहारों को बसाने की बात रखी तो प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने कहा कि इन लोगों के लिए सरकार वेंडर जोन बनाकर व्यवसाय के लिए देने वाली है. ताकि यह लोग अपनी रोजी-रोटी चला सके. लेकिन सरकारी भूमि पर अवैध रूप से झुग्गी झोपड़ी लगाकर रहना गलत है. सरकार की तरफ से बार-बार नोटिस दिया गया था कि वह इस जगह को खाली कर दें. किसी भी हालत में सड़क के किनारे झोपड़ी बनाकर रहना सही नहीं है.