पटना:राजधानीपटना के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच की बात करें तो यहां लगभग 150 चिकित्सक कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद कोरोनासंक्रमण की चपेट में आ गए हैं और इसमें कॉलेज के जूनियर डॉक्टर भी शामिल हैं. पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी और डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. राणा एन के सिंह समेत कई चिकित्सक भी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमित हो चुके हैं.
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कोरोना की चपेट में चिकित्सक
पटना एम्स की बात करें तो यहां 120 से अधिक चिकित्सक बीते 2 महीने में कोरोना संक्रमण से संक्रमित हो चुके हैं और एनएमसीएच में भी ऐसे चिकित्सकों की संख्या 40 से अधिक है. इतना ही नहीं वैक्सीन का दोनों डोज लेने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर में 56 से ज्यादा चिकित्सक संक्रमण की चपेट में आने की वजह से अपनी जान भी गंवा चुके हैं. इसकी जानकारी बिहार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ.अजय कुमार ने दी.
''कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी खतरनाक है और चिकित्सा कर्मी अभी मानव हित की सेवा में जी-जान से जुटे हुए हैं और इसमें वह काफी संक्रमित भी हो रहे हैं. संक्रमित होने की वजह से बीते 2 महीने में प्रदेश में 56 से अधिक चिकित्सकों की जान भी जा चुकी है. संक्रमण के पहले दौर में भी 50 से अधिक चिकित्सक प्रदेश भर में अपनी जान गंंवा चुके हैं.''-डॉ.अजय कुमार, वाइस प्रेसिडेंट, आईएमए बिहार
'सरकार की तरफ से नहीं मिली सहायता'
उन्होंने बताया कि इन चिकित्सकों के परिवार वालों को आपदा राशि और बीमा की राशि अब तक सरकार की तरफ से नहीं मिली है. ऐसे में संक्रमण की लहर जैसे ही कम होगी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मृत चिकित्सकों के परिवार वालों के हित के लिए सरकार के समक्ष आवाज उठाएगा. जो चिकित्सक ड्यूटी के दौरान संक्रमण की चपेट में आने से अपनी जान गंवा चुके हैं, परिजनों को सरकार की तरफ से जो राशि देने की बात कही गई है उसे दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी.