बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Modi Cabinet Expansion: यूपी चुनाव से पहले मोदी कैबिनेट का विस्तार, बिहार से कई चेहरे दावेदार - LJP

यूपी चुनाव से पहले मोदी कैबिनेट (Modi cabinet) के विस्तार होने की चर्चा जोरों पर है. इस बार कैबिनेट में बिहार की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है. जेडीयू (JDU) ने भी कैबिनेट में शामिल होने के संकेत दिए हैं. वहीं, लोजपा में टूट के बाद मंत्रिमंडल में पशुपति पारस और चिराग पासवान में से किसे जगह मिलेगी. देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
पटना

By

Published : Jun 14, 2021, 9:50 PM IST

पटना:केंद्रीय मंत्रिमंडल (Central Cabinet) के विस्तार की चर्चा जोरों पर है. यूपी चुनाव से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार (Expansion of Cabinet) होगा. बिहार से भी कई चेहरे इस बार दावेदार हैं. जदयू (JDU) भी इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की दावेदारी कर रहा है. जदयू खेमे से काफी समय से ललन सिंह, आरसीपी सिंह और संतोष कुशवाहा की चर्चा है.

ये भी पढ़ें-कैबिनेट बर्थ की चाहत में तेज हुई सियासत, नीतीश की मुखालफत के कारण क्या पूरी होगी चिराग की हसरत?

यूपी चुनाव से पहले कैबिनेट का विस्तार
विशेषज्ञ भी कहते हैं कि इस बार सुशील मोदी जैसे बीजेपी के बड़े चेहरे दावेदार के रूप में हैं. इसके अलावा लोजपा से भी किसी एक को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. बीजेपी की नजर यूपी चुनाव पर है, तो उसका सामाजिक समीकरणों को भी पार्टी ध्यान में रखेगी, यह भी तय है.

आरसीपी सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जदयू

मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल होगा जदयू
यूपी चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा है. जदयू की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह लगातार कह रहे हैं कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में जदयू भी शामिल होगा, लेकिन आरसीपी सिंह संख्या और कौन लोग शामिल होंगे इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. लेकिन इतना जरूर कह रहे हैं कि एनडीए में सबका सम्मान होता है.

''किसी भी गठबंधन में जो सहयोगी दल होते हैं, उनमें आपसी समझ होती है. इसमें कुछ कम या ज्यादा जैसी कोई बात नहीं होती है. एनडीए में सभी दलों में अच्छी आपसी समझ है और यहां सभी का सम्मान होता है.''- आरसीपी सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जदयू

रेस में जेडीयू से कई दावेदार
वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि जदयू से ललन सिंह, आरसीपी सिंह और संतोष कुशवाहा का नाम हो सकता है. ललन सिंह नीतीश कुमार के करीबियों में से एक हैं. उनकी चर्चा काफी समय से है. वहीं, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी दावेदारों में से हैं. नीतीश कुमार संतोष कुशवाहा को भी मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए चुन सकते हैं.

ये भी पढ़ें-बड़ा सवाल: LJP में टूट से JDU की होगी चांदी, बागी सांसद थामेंगे 'तीर'!

''इस बार सुशील मोदी भी बड़े दावेदार हैं और बिहार बीजेपी के बड़े नेता हैं, अगर वो केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होते हैं तो बिहार को उससे लाभ भी मिलेगा. यूपी चुनाव को देखते हुए वहां के सामाजिक समीकरण को साधने की भी बिहार से कोशिश होगी और उसमें रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस बड़े चेहरे दलित नेता के तौर पर हो सकते हैं.''-रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

''जब मंत्रिमंडल का केंद्र में विस्तार होगा तो इस बार बिहार से निश्चित रूप से कई लोगों को मौका मिलेगा. जदयू पिछली बार शामिल नहीं हुई थी, इस बार उसे भी शामिल किया जाएगा. वहीं, बिहार बीजेपी से सुशील मोदी को मंत्री बनाया जा सकता है. बिहार बीजेपी के लोग चाहते भी हैं कि सुशील मोदी केंद्र में मंत्री बने.''-विनोद शर्मा, प्रवक्ता बीजेपी

विनोद शर्मा, प्रवक्ता बीजेपी

बिहार बीजेपी से 17 सांसद हैं जिसमें पांच मंत्री बनाए गए हैं, तो वहीं जदयू खेमे से 16 सांसद हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू को इस बार कितने मंत्री पद का ऑफर मिलता है यह देखने वाली बात है, लेकिन यह तय है कि दो या तीन मंत्री पद जदयू को दिए जा सकते हैं. वहीं, बीजेपी से भी कुछ लोगों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है.

लोजपा से कौन होगा शामिल?
लोजपा में टूट के बाद देखना है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में पशुपति पारस और चिराग पासवान में से किसको जगह मिलती है. चिराग पासवान को लेकर जदयू पहले ही अपनी नाराजगी जताते रहा है, लेकिन बीजेपी नेताओं का चिराग पासवान के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर हमेशा से रहा है या जगजाहिर है. बावजूद जदयू की नाराजगी के कारण बीजेपी के लिए चिराग को मंत्रिमंडल में शामिल करना आसान नहीं है.

ये भी पढ़ें-कांग्रेस की भविष्यवाणी: गिरेगी नीतीश सरकार, NDA से अलग होंगे मांझी

जेडीयू-बीजेपी का पुराना रिश्ता
जेडीयू और बीजेपी 2005 से बिहार में सरकार चला रहे हैं. वहीं, वाजपेयी सरकार में जेडीयू को संख्या बल के हिसाब से जगह भी मिली थी, लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब सरकार बनी तो उस समय जेडीयू बिहार में बीजेपी से अलग थी. हालांकि, 2017 में जरूर फिर से बीजेपी के साथ सरकार बनी, लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. उसके बाद 2019 के चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला. लेकिन जेडीयू को केवल एक मंत्री पद दिया जा रहा था. जिस वजह से बात नहीं बन पाई थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details