पटनाःबिहार में साइबर क्राइम के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. पिछले दिनोंप्रदेश में साइबर फ्रॉड के 4 नए मामले सामने आए थे. एक बार फिर राजधानी के पटनासिटी इलाके से नया मामला सामना आया है. जहां साइबर अपराधियों ने चेक क्लोन के माध्यम से 50 लाख रुपये उड़ा लिए हैं. वहीं पटना में ही साइबर ठगों ने केवाईसी अपडेट के नाम पर अधिवक्ता के अकाउंट से लाखों की निकासी कर ली है.
इससे पहले बदमाशों ने एक मामले में नाल्को से रिटायर्ड अधिकारी के खाते से 40 लाख रुपये उड़ाए थे. वहीं एक और मामले में क्लोन चेक के माध्यम से महिला प्रोफेसर के खाते से 42 लाख रुपये से ज्यादा की निकासी कर ली गई थी. कुल मिलाकर साइबर अपराधियों के जरिए अबतक 1 लाख 32 हजार की ठगी का मामला उजागर हुआ है.
केस-1ः बेगमपुर निवासी रामधार शर्मा के खाता से उड़ाए 50 लाख
ताजा मामले मेंसाइबर अपराधियों ने फर्जी तरीके से पटनासिटी के बेगमपुर निवासी रामधार शर्मा के खाता से चेक क्लोन के माध्यम से 50 लाख रुपये उड़ा लिए. मामला पटनासिटी चौक थाना क्षेत्र के मोर्चा रोड स्तिथ पंजाब नेशनल बैंक से 50 लाख रुपये निकासी का है. इस नम्बर का चेक खाताधारक रामधार शर्मा के पास सुरक्षित है.
पीड़ित ने चौक थाना में लिखित आवेदन देते हुए बताया कि दिसम्बर महीने में 5 चेक के माध्यम से रुपये की निकासी की गई. फिलहाल अवैध रूप से चेक क्लोन के माध्यम से इतनी बड़ी रकम निकलने से बैंक कर्मचारियों के बीच हड़कम मच गया है. पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है.
केस-2ः रिटायर्ड अधिकारी से 40 लाख की ठगी
सासाराम के अखौरी निवासी प्रकाश चंद्र नाल्को में एचआरडी के पद पर तैनात थे. नौकरी के दौरान ही पटना में एक फ्लैट खरीदा था. रिटायरमेंट के बाद उस फ्लैट के बेचकर एक्सिस बैंक के खाते में 40 लाख रुपये जमा किए थे, ताकि महीना-महीना ब्याज आ सके. लॉकडाउन के दौरान लगातार 3-4 महीने ब्याज नहीं आए, तो उन्होंने बैंक से संपर्क किया. बैंककर्मियों ने उनके खाते की पड़ताल की तो उनके होश उड़ गए.
बैंक मैनेजर ने प्रकाश चंद्र को बताया कि उनके खाते में साइबर अपराधियों ने सैंधमारी की है और उनके जमा 40 लाख रुपये उड़ा लिए. बैंक से बताया कि उनके खाते से बनारस स्थित दो ज्वेलरी शॉप को पैंमेंट किया गया है.
बनारस के ज्वेलरी शॉप से ऑनलाइन खरीदारी
प्रकाश चंद्र ने संबंधित थाने में इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है. एक दुकान से 10 लाख रुपये और एक अन्य दुकान से 30 लाख रुपये के आभूषण की खरीदारी की गई थी. पीड़ित व्यक्ति पुलिस के साथ उक्त दुकान पर पहुंचे. मामला पुराना होने के कारण सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं था.
आभूषण दुकानदारों के पास खरीदारों के पेन कॉर्ड की भी डिटेल नहीं थी. लेकिन एक दुकान में अपराधी का मोबाइल नंबर दर्ज था. उस नंबर के सहारे छानबीन के क्रम में 8 अपराधियों के नाम सामने आए. जिसमें से 4 को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि अन्य 4 अब भी फरार हैं.
करीबी ही निकले अपराधी
इस मामले में जो अपराधी सामने आए हैं, वे प्रकाश चंद्र के करीबी निकले. उनमें दो तो उनके किरायादार हैं. प्रकाश चंद्र ने मोबाइल में नेट बैंकिंग की सुविधा ले रखी थी. लेकिन उसके इस्तेमाल में उन्हें दूसरी मदद लेने पड़ती थी. इसी का लाभ उठाकर अपराधियों ने उनके खाते से ज्वेलरी शॉप को पैमेंट कर खरीदारी कर ली.