पटना:बिहार में सियासत उल्टी दिशा में चल रही है. सामान्य तौर पर सत्ता पक्ष की खामियों को विपक्ष उजागर करता है और खामियां मिलने पर मंत्री या मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करता है. लेकिन यहां बिहार सत्ता पक्ष के लोग नेता प्रतिपक्ष के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
बिहार में सियासत की उल्टी गंगा बह रही है. एक स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान यही मानी जाती है कि विपक्ष सत्ता पक्ष की खामियों को और आम लोगों की आवाज को सरकार तक पहुंचाए. विपक्ष का काम है कि सरकार से जो गलतियां हो रही हैं या सरकार के कामकाज में जो कमी रह जाती है, उसपर उसमें सत्तापक्ष से सवाल करना. लेकिन बिहार में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा है. बात करें तेजस्वी यादव की, तो वो लंबे समय से गायब चल रहे हैं. पार्टी बैठक हो या सदस्यता अभियान की शुरूआत वो कहीं नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में उनके इस्तीफे की मांग सत्तापक्ष के लोगों ने ही शुरू कर दी है.
ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट नहीं संभाल पा रहे जिम्मेदारी, दे दें इस्तीफा- मंगल पांडेय
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने दो दिन पहले बयान दिया कि अगर, तेजस्वी नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी नहीं पा रहे हैं. तो उन्हें इस पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. अब इसे लेकर बिहार की सियासत में नया उबाल आ गया है. तेजस्वी की अनुपस्थिति से परेशान राष्ट्रीय जनता दल के लिए मंगल पांडे का यह बयान किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं है. इस बयान को लेकर राष्ट्रीय जनता दल ने आपत्ति जताई है.
अपना काम देखें स्वास्थ्य मंत्री- राजद नेता
राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आलोक मेहता ने मंगल पांडेय के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को पहले अपना काम देखना चाहिए. किस तरह बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है, उस पर ध्यान देना चाहिए. न कि दूसरे के घर में झांकना चाहिए.
कुछ गलत नहीं बोले मंगल पांडेय- बीजेपी
मंगल पांडेय के समर्थन में उतरे बीजेपी नेता अजीत कुमार चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ भी गलत नहीं कहा है. नेता प्रतिपक्ष का पद बहुत जिम्मेदारी का होता है. लेकिन जिस तरह से तेजस्वी बाहर हैं. उनके अपने गठबंधन के नेता ही उनसे मुंह फेर चुके हैं. ऐसे में उन्हें सोचना चाहिए कि आखिर क्यों, वो नेता प्रतिपक्ष के पद पर बने हुए हैं.