पटना: मनेर प्रखंड के रतन टोला के हजारों लोग देश की सुरक्षा और सेवा में लगे हुए हैं. ऐसे में इस गांव को फौजियों का गांव कहा जाता है. फिलहाल यह गांव बाढ़ की चपेट में है. जिससे लोगों का जन-जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है.
गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण खतरा
गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण गांव चारों तरफ से पानी से घिर गया है. यहां तक कि अब लोगों के घरों में पानी घुसने लगा है. गांव के लोगों की माने तो गंगा के किनारे होने के कारण इस गांव पर हमेशा खतरा बना रहता है. इस पर लोगों का कहना है कि प्रशासन सब कुछ जान कर भी अनजान बनी रहती है. उनकी तरफ से अबतक कोई मदद नहीं मिली है. यहां तक कि नाव की व्यवस्था भी नहीं की गई है. जिससे एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाया जा सके.
बाढ़ में डूबा हुआ है मनेर प्रखंड पहले सुखाड़ और अब बाढ़ से हलकान
बाढ़ के कारण लोगों के पास खाने के लिए अनाज नहीं है और मवेशियों के खाने के लिए चारा नहीं है. फसल भी बर्बाद हो गए है. मनेर सीओ संजय कुमार झा ने बताया कि गंगा के जलस्तर में जिस तरह से वृद्धि हो रही है, उससे गांव पर बाढ़ का खतरा बना हुआ है. इसलिए हमने गांव का निरीक्षण किया है. नाव और अन्य व्यवस्थाओं पर सीओ ने कहा कि सारी व्यवस्था कर दी गई है. स्थानीय कह रहे हैं कि मनेर के करीब ढाई हजार लोग देश सुरक्षा के लिए देश के अलग-अलग सीमा पर तैनात हैं. लेकिन आज उन्हीं का गांव सुरक्षित नहीं है. पहले सुखाड़ और अब बाढ़ ने इस गांव का जन-जीवन अस्त व्यस्त कर रखा है.
गौरतलब है कि गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने से दानापुर अनुमंडल का दियारा क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न है. दानापुर के 6 पंचायत और मनेर के 6 पंचायत बाढ़ की चपेट में है.