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बिहार में अपराधियों पर कसेगा शिकंजा, सभी थानों को मिलेंगे 2 वाहन - बिहार में अपराधियों पर कसेगा शिकंजा

बिहार में क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters)ने गस्ती बढ़ाने के नजरिए से सभी थानों को दो-दो वाहनों से लैस करने का फैसला लिया है. इस निर्णय से बिहार के सभी थाने और ओपी में अनिवार्य रूप से गाड़ियां उपलब्ध रहेंगी. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Oct 13, 2022, 10:58 PM IST

पटना:बिहार में बढ़ते अपराध पर काबू पाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने बड़ा कदम उठाया है. इस फैसले के तहत प्रदेश के सभी थानों और ओपी को दो-दो वाहन से लैस किया जाएगा.बिहार के सभी थानों और ओपी में अनिवार्य रूप से कम से कम अब दो वाहन उपलब्ध रहेगी. सभी थानों और ओपी को प्रतिदिन दो बदमाशों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है और इसकी मॉनिटरिंग जिले के पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी दी गई है. वाहनों का इस्तेमाल विधि व्यवस्था, अपराधियों की धरपकड़ व अवैध शराब के विरुद्ध कार्रवाई के लिए बनी एंटी लिकर टास्क फोर्स के द्वारा किया जाएगा.

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ढाई हजार वाहन पुराने हो चुके हैं: बिहार में कुल 1092 थाना है और तकरीबन 200 ओपी है. पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक तकरीबन 5000 वाहन इन सभी 1300 थानों और ओपी में है. हालांकि इनमें से 50 प्रतिशत यानी कि ढाई हजार वाहन पुराने हो चुके हैं. नई वाहनों की खरीदारी (Buying New Vehicles) भी की जा रही है जिन्हें आवश्यकतानुसार थानों को मुहैया भी करवाई जा रही है.

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"थानों और ओपी में कम से कम 2 फोर व्हीलर वाहन होना अनिवार्य है. जिन जगहों पर वाहन उपलब्ध नहीं है उन्हें किराए पर लेने का निर्देश दिया गया है.अभी हाल ही में डायल 112 की शुरुआत की गई है. जिसके तहत 400 फोर व्हीलर बोलेरो गाड़ी की खरीदारी की गई है. हालांकि दूसरे चरण के लिए कुल लगभग 1300 और वाहनों की खरीदारी की जाएगी. जिसमें फोर व्हीलर और बाइक शामिल हैं."-जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, बिहार पुलिस मुख्यालय

ग्रामीण थानों और ओपी में नहीं है खुद का वाहन :बिहार के कई ऐसे थाने हैं जहां पर दो वाहनों से काम नहीं चल सकता है. जिस वजह से वहां पर चार से पांच की संख्या में गाड़ियां भी मौजूद है. ग्रामीण थानों की अगर बात करें तो ज्यादातर थानों और ओपी में अपना वाहन नहीं है. वहां किराए पर वाहन और थानों में पकड़ी गई वाहनों से काम चल रहा है.

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