पटना:राजधानी पटना केदानापुर सेना मुख्यालय में नई दिल्ली के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल राजीव छिब्बर (एसएम) ने बिहार रेजिमेंट सेंटर में चल रहे अग्निवीरों के प्रथम बैच के प्रशिक्षण का जायजा लिया. मेजर जनरल छिब्बर ने रेजिमेंट में चल रहे अग्निवीरों के प्रशिक्षण का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से कहा कि अग्निवीर देश के उच्च दर्ज के ट्रेनिंग प्राप्त कर सैनिक बनकर निकलेंगे. उन्होंने कहा कि अग्निवीरों को छह माह का कठिन प्रशिक्षण दिया जायेगा.
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अग्निवीरों के प्रथम बैच का प्रशिक्षण :सेना मुख्यालयनई दिल्ली के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल राजीव छिब्बरअग्निवीरों को कुशल तकनीकी प्रशिक्षण, खेल, हथियार संचालन का अभ्यास कराया जा रहा है. हालांकि कुछ बदलाव के साथ अग्निवीरों को भी पहले के रिक्रूटों की तरह ही प्रशिक्षित किय जा रहा है. मेजर जनरल ने अग्निवीरों से तीन एच के बारे में कहा कि हथियार चलाने में सक्षम साबित होना है, हुनर हासिल करना है, ताकि ग्राउंड का इस्तेमाल कर सकेंगे फिर लडाई में उच्च दर्ज के सैनिक बन सकेंगे. अपनी हेल्थ का ख्याल रखना है. तभी एक सैनिक बन सकेंगे.
'छह माह के प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अग्निवीरों को यूनिट में भेज दिया जायेगा. इंफ्रेंटी सिपाही को बेसिक हथियार राइफल, लाइट मशीगन, फिल्ड कफ्टा का प्रशिक्षण, ग्राउंड का इस्तेमाल कैसे करना है और यातायात समेत आदि का बेसिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अग्निवीरों को चार साल तक देश की सेवा करना है और उसके बाद अग्निवीरों अपनी शादी और कुछ सोच सकते है. अग्निवीरों प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद देश के सरहद पर तैनात किया जाएंगे. जहां पर दुश्मनों से मुकाबला करेंगे.'- मेजर जनरल राजीव छिब्बर, सेना मुख्यालय नई दिल्ली के अतिरिक्त महानिदेशक
'अग्निवीर ट्रेनिंग के बाद सरहद पर जाएंगे' :उन्होंने कहा कि रेजिमेंट में अग्निवीरों के पहले बैच में चार सौ अग्निवीरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और मार्च से फिर दूसरे बैच में करीब चार सौ अग्निवीरों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. पहले बैच के अग्निवीरों को सेना के कुशल प्रशिक्षक ड्रिल, फिजिकल, फायरिंग, कमांडों ट्रेनिंग दे रहे है. प्रशिक्षण के दौरान अग्निवीरों के रिक्रूटों के चेहरे पर देश सेवा सेवा करने का जज्बा भी साफ देखा जा रहा है.
तीन सप्ताह का प्रशिक्षण : तीन सप्ताह के प्रशिक्षण में जाने के बाद ही रिक्रूटों में काफी बदलाव देखने को मिला है. मेजर जनरल ने कहा कि चार साल बाद अग्निवीरों सैनिक 25 प्रतिशत के दायर में नहीं आते हैं. उनके लिए सरकार बहुत कदम उठा रही है. अग्निवीर सेवानिवृत होते है तो करीब 35 लाख हाथ में रहेंगे. साथ ही सरकार, निजी बैंक, कंपनियों समेत अन्य निजी संस्थाओं में सेवानिवृत अग्निवीरों को शामिल करेगी. इस मौके पर रेजिमेंट के कमांडेट ब्रिगेडियर केसी जसपाल, डिप्टी कमांडेट कर्नल उपजीत सिंह रधांवा, कर्नल विशाल प्रताप व कर्नल मुकुट समेत सैन्य अधिकारी, जेसीओ व प्रशिक्षक मौजूद थे.