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ग्रामीण सड़कों का मेंटेनेंस का काम एजेंसियों से लिया जाएगा वापस, विभाग खुद करेगा देख-रेख - Negligence in rural roads

ग्रामीण सड़कों के निर्माण और मेंटेनेंस पर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब ग्रामीणों सड़कों की देखरेख फिर से विभाग करेगा. विभाग को लगातार शिकायत मिल रही थी कि एजेंसियों द्वारा सड़क का रखरखाव और मरम्मती का कार्य सही तरीके से नहीं किया जा रहा है.

पटना
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Published : Mar 23, 2021, 3:42 PM IST

Updated : Mar 23, 2021, 4:01 PM IST

पटना: ग्रामीण सड़कों के निर्माण और मेंटेनेंस को लेकर बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मेंटेनेंस पॉलिसी में बदलाव करते हुए सरकार ने फैसला किया है कि अब विभाग खुद ग्रामीण सड़कों के मेंटेनेंस कार्य देखेगा. यह फैसला मेंटेनेंस कार्य में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद लिया गया है.

इसके लिए विभाग ने कवायद भी शुरू कर दिया है. विभागीय स्तर पर देख-रेख के लिए जरूरत के अनुसार, आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए खाका तैयार किया जा रहा है. गौरतलब है कि अभी ग्रामीण सड़क मेंटेनेंस नीति 2018 के तहत गांव की सड़कों की देखभाल एजेंसियों द्वारा की जा रही है.

देखें रिपोर्ट

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ग्रामीण कार्य विभाग की बैठक में लिया गया यह निर्णय
नीति में बदलाव के पीछे कारण एजेंसियों द्वारा सड़क की मरम्मती और रखरखाव में काफी लापरवाही बरती जा रही थी. जिसकी शिकायत विभाग को मिलने के बाद विभाग ने कड़ा एक्शन लिया है. वहीं, आगे इस प्रकार की लापरवाही न बरती जाए, इसके लिए अब विभागीय स्तर पर ही ग्रामीण सड़कों का देखरेख किया जाएगा.

'ग्रामीण सड़कों की देखरेख विभागीय स्तर पर होगी. इसके लिए आवश्यक कार्यवाही की जा रही है. जब एजेंसियों से सड़क विभाग द्वारा वापस ले लिए जाएंगे, इसके बाद दो-तीन सालों में बमुश्किल मरम्मती की जरूरत होगी. इस तरह 10 साल तक ग्रामीण सड़कों की देखरेख आसानी से हो जाएगी. इसमें सरकार को लागत में कमी आएगी लेकिन विभागीय स्तर पर देखरेख करने में अधिक मानव बल की जरूरत पड़ेगा'.- पंकज कुमार, सचिव, ग्रामीण विभाग

Last Updated : Mar 23, 2021, 4:01 PM IST

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