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Mahashivratri 2022: बुढ़वा महादेव स्थान पर साढ़े 5 फीट का शिवलिंग श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र - ETV HINDI NEWS

शिव आराधना का पर्व महाशिवरात्रि (Mahashivratri festival of worship of Shiva) इस बार कई विशेष संयोगों के बीच आज मनाया जा रहा है. राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी के बुढ़वा महादेव स्थान पर सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है. ऐसा माना जाता है कि, यहां पहुंचने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है.

मसौढ़ी में महाशिवरात्रि की धूम
मसौढ़ी में महाशिवरात्रि की धूम

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Published : Mar 1, 2022, 11:49 AM IST

पटना (मसौढ़ी): राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) के अवसर पर विभिन्न शिवालयों में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है. सुबह से ही ग्रामीण इलाकों के शिवालयों में हर-हर महादेव के नारे लगाकर श्रद्धालु पूजा अर्चाना में जुटे हैं. ऐसे में धनरूआ प्रखंड के वीर ओरियारा गांव में साढे़ 5 फीट का शिवलिंग श्रद्धालुओं में आकर्षण का केंद्र बना है. इस जगह की ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त की मनोकामना होती वो पूरी हो जाती है.

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बता दें कि, धनरूआ प्रखंड का बुढ़वा महादेव स्थान जिसे गौरी शंकर मंदिर भी कहा जाता है. इस मंदिर की खासियत ये है कि, यहां साढे़ पांच फीट का शिवलिंग और इस शिवलिंग में माता गौरी और भगवान शंकर दोनों की आकृति है. कहा जाता है कि, खेत में खुदाई के दौरान ये आकृतिनुमा शिवलिंग मिला था. ऐसे बताया जाता है कि, जिस समय मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की गई, बाद में वह अपने आप पूरब से पश्चिम हो गई थी. प्रत्येक साल सावन और महाशिवरात्रि पर्व पर यहां मेले का आयोजन किया जाता है. 10 से 12 दिनों तक यहां मेला लगाया जाता है.

आज महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालु अपनी-अपनी मनोकामना लेकर कई जिलों से यहां पहुंचे हैं. औरंगाबाद की संगीता कुमारी और रुकमणी कुमारी ने बताया कि, हमारी मुराद पूरी हुई थी आज मुंडन करवाने आए हैं. शिव पुराण में चर्चा की गई है कि महाशिवरात्रि पूजा पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का काफी महत्व माना गया है. भगवान शंकर के जटा में मां गंगा का वास होता है इसलिए जलाभिषेक के काफी महत्व हैं. वहीं आज के दिन भगवान शंकर के कई रूपों की भी पूजा होती है. जिसमें भगवान शंकर, रूद्र महादेव, भोलेनाथ तमाम कई रूपों की आज पूजा होती है. आज शाम को शिवालयों में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह का आयोजन किया जाता है.

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हर साल महाशिवरात्रि पर्व फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. भगवान महाकाल की आराधना का सबसे बड़ा दिन महाशिवरात्रि (Mahashivratri Festival) के दिन 4 साल बाद शुभ मुहूर्त और संयोग के साथ ही पंचग्रही योग भी बन रहा है. इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से उनका आशीर्वाद मिलेगा. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान आचार्य रामाशंकर दुबे ने बताया कि महाशिवरात्रि 1 मार्च को सुबह 03.16 मिनट से शुरू होकर बुधवार 2 मार्च को सुबह 10 बजे तक रहेगी. रात्रि में शिव जी के पूजन का शुभ समय शाम 06.22 मिनट से शुरू होकर रात्रि 12.33 मिनट तक रहेगा.

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