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Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि में राशि के अनुसार करें भगवान शिव की पूजा, सभी मनोकामना होगी पूरी

वैसे तो साल में 12 शिवरात्रि होती है लेकिन फाल्गुन मास में पड़नी वाली शिवरात्रि का खास महत्व होता है. इस बार महाशिवरात्रि 18 फरवरी को है. राशियों के अनुसार अगर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाए तो उसका विशेष फल प्राप्त होता है. आईये जानते हैं कौन सी राशि के जातक को किस तरह से भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहिए..

Mahashivratri 2023
Mahashivratri 2023

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Published : Feb 8, 2023, 7:59 AM IST

आचार्य मनोज मिश्रा

पटना:हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्व होता है. भगवान शिव की विशेष पूजा-आराधना और उनकी कृपा पाने के लिए महाशिवरात्रि का पर्व खास होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का पर्व हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे बड़े और प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 18 फरवरी शनिवार को मनाया जाएगा.

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महाशिवरात्रि में होती है हर मनोकामना की पूर्ति:पौराणिक कथाओं के अनसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इसी कारण से हर साल महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन जो लोग विधि-विधान से भगवान शिव की आराधना करते हैं, उनकी हर एक मनोकामना पूरी होती है.

ऐसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न: शास्त्रों में भगवान शिव जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं. भगवान शिव को अगर सच्चे मन से एक लोटा जल अर्पित कर दिया जाए तो वे प्रसन्न हो जाते हैं. महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा उपासना और उपवास रखने पर जीवन में सभी तरह की सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. महाशिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी से उठकर स्नान करके सूर्यदेव को जल अर्पित कर दें. फिर लोटे में गंगाजल या फिर पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर उसमें दूध मिलाकर, बेलपत्र, धतूरे का फूल आदि डालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए.

महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त: इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी को रात 8 बजकर 2 मिनट से अगले दिन शाम 04 बजकर 16 मिनट तक महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त है. महाशिवरात्रि के लिए निशिता काल पूजा का मुहूर्त चतुर्दशी तिथि में होना आवश्यक है, इसलिए महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि का पर्व पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है. साधु महात्मा या भक्त सभी महाशिवरात्रि के व्रत का इंतजार करते हैं.

इन पूजन सामग्रियों से करें भगवान शिव का अभिषेक:आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन या रात किसी भी समय अभिषेक अवश्य करना चाहिए. भगवान शिव का शिवालय में जाकर पूजा अवश्य करना चाहिए. अभिषेक करने से हर प्रकार का कामना पूर्ति होती है. भगवान के पूजा में अभिषेक के लिए शुद्ध जल या गंगाजल ,कच्चा दूध ,दही ,घी, शहद, अक्षत ,दूर्वा घास ,बेलपत्र ,अष्टगंध, भांग, धतूर ,अभ्रक का व्यवस्था पहले से ही कर लेना चाहिए. प्रसाद के लिए ऋतु फल पुष्पमाला इत्यादि का व्यवस्था कर लेनी चाहिए, जिससे अभिषेक करने में किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं हो. आचार्य मनोज मिश्रा ने महाशिवरात्रि के दिन कौन सी राशि वाले लोगों को कैसे पूजा करनी चाहिए, जिससे कि उनको फल की प्राप्ति होगी और नौकरी में पदोन्नति होगी और सुख शांति की समृद्धि भी प्राप्त होगी, विस्तार से बताया है...

मेष राशि वाले लाल या पीला फूल करें अर्पित : मेष राशि वाले जातक को भगवान शिव का अभिषेक दूध दही घी सहित इत्यादि से करना चाहिए. उसके बाद अंतिम में अवश्य ही लाल पुष्प या पीला पुष्प अर्पित करना चाहिए. जिससे उनकी हर प्रकार की मनोकामना पूरी हो साथ ही स्वास्थ्य भी बेहतर होगा.

वृष राशि वाले चढ़ाएं अभ्रक: वृष राशि वाले जातक भगवान शिव को जल दूध इत्यादि से अभिषेक करने के बाद अभ्रक चढ़ाएं. साथ में कोई सफेद पुष्प उनको अर्पित करना चाहिए जिससे वृष राशि वालो को लाभ मिलेगा.

मिथुन राशि वाले करें 108 बार पंचाक्षरी मंत्र का जाप: मिथुन राशि वाले जातक भोलेनाथ का अभिषेक दूध दही से करने के बाद भांग धतूरा का फल चढ़ाएं. धतूरा अर्पित करते समय 108 बार भोलेनाथ का पंचाक्षरी मंत्र ऊँ. नम: शिवाय का जाप करें.

कर्क राशि वाले करें रुद्रष्टाध्यायी का पाठ: कर्क राशि वाले जातक को भगवान शिव को दूध दही घी शहद इत्यादि से अभिषेक करने के बाद उनको मंदार का सफेद माला अर्पित करना चाहिए जिससे उनकी हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होगी. साथ ही रुद्रष्टाध्यायी का पाठ करना चाहिए.

सिंह राशि वालों के लिए लाल कनैल का पुष्प जरूरी :सिंह राशि वाले जातक को भगवान शिव को दूध दही इत्यादि से अभिषेक के बाद भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लाल कनैल का पुष्प या पुष्प का माला अर्पित करना चाहिए. जिससे घर में सुख शांति समृद्धि की वृद्धि होगी. इसके साथ ही कोशश करें कि शिवालय में ध्यान मग्न होकर शिव चालीसा का पाठ करें.


कन्या राशि वालों को ऐसे मिलेगा लाभ :कन्या राशि वाले जातक को भगवान शिव का दूध दही से अभिषेक करने के बाद काला तिल अर्पित करना चाहिए. घास अवश्य चढ़ाना चाहिए. साथ में भांग भी अर्पित करना चाहिए. उसके बाद सफेद पुष्प अर्पित करना चाहिए जिससे उनको लाभ ही लाभ मिलेगा.

तुला राशि करें शिवाष्टक का पाठ: तुला राशि वाले जातक को भगवान शिव को दूध दही घी शहद इत्यादि से अभिषेक करने के बाद भगवान शिव को मंदार पुष्प की माला अवश्य अर्पित करनी चाहिए जिससे उनकी हर प्रकार का कामना पूरी होगी. साथ ही शिवाष्टक का पाठ करें.

वृश्चिक राशि वालों का रुका कार्य होगा पूरा: वृश्चिक राशि वाले जातक को भगवान शिव की दूध दही घी शहद इत्यादि से अभिषेक करना चाहिए. उसके बाद लाल पुष्प कनेर का या सफेद पुष्प शिव को अर्पित करना चाहिए. इसका माला भी प्रयोग कर सकते हैं. उनका रुका हुआ कार्य पूर्ण होगा और नौकरी पेशा में बढ़ोतरी होगा.

धनु राशि राशि वालों की साढ़ेसाती खत्म:धनु राशि वाले जातक को भगवान शिव को दूध दही घी शहद इत्यादि से अभिषेक करने के बाद उनको केसर मिला कर दूध से अभिषेक करने से बहुत ही लाभ मिलेगा. अभी इनका साढ़ेसाती उतरा है उनके काम धंधे बहुत बनेंगे बिजनेस में तरक्की होगी.

मकर राशि को करना होगा ये जाप: मकर राशि वाले जातक को दूध दही घी से अभिषेक करने के बाद काला तिल और अपराजिता का नीला पुष्प अर्पित करना चाहिए जिससे उनको साढ़ेसाती से फायदा होगा. साथ ही उत्तम लाभ के लिए 108 बार ऊँ.पार्वती नाथाय नम: का जाप करें.

कुंभ राशि की परेशानी दूर करेंगे भोलेनाथ: कुंभ राशि वाले जातक को भगवान शिव को दूध में जल मिलाकर काला तिल मिलाकर अभिषेक करना चाहिए. साथ में बेलपत्र के साथ भांग धतूरा और सनी का पत्र और पुष्प चढ़ाना चाहिए, जिससे उनको लाभ मिलेगा और उनकी समस्या खत्म होगी.

मीन राशि वाले बरतें सावधानी:मीन राशि वाले जातक को भगवान शिव का अभिषेक कच्चे दूध में केसर मिलाकर गंगाजल या शुद्ध जल मिलाकर काला तिल मिलाकर अभिषेक करना चाहिए क्योंकि इनका साढ़ेसाती चालू हो गया है, समस्या आएगी और इससे बचने के या रुकावट को दूर करने के लिए पीला कनेर का पुष्प अर्पित करना चाहिए जिससे उनकी मनोकामना पूर्ण होगी.

"निशिता काल का समय 18 फरवरी, रात 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. वहीं प्रथम पहर पूजा का समय 18 फरवरी, शाम 06 बजकर 40 मिनट से रात 09 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. इसमें पूजा करना उत्तम होगा. द्वितीय पहर में पूजा समय रात 09 बजकर 46 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट तक है. तृतीय पहर पूजा समय 19 फरवरी, रात 12 बजकर 52 मिनट से 03 बजकर 59 मिनट तक होगा. चतुर्थ पहर पूजा समय -19 फरवरी, 03 बजकर 59 मिनट से सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगा."- मनोज मिश्रा, आचार्य

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