पटना:हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्व होता है. भगवान शिव की विशेष पूजा-आराधना और उनकी कृपा पाने के लिए महाशिवरात्रि का पर्व खास होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का पर्व हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे बड़े और प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 18 फरवरी शनिवार को मनाया जाएगा.
महाशिवरात्रि में होती है हर मनोकामना की पूर्ति:पौराणिक कथाओं के अनसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इसी कारण से हर साल महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन जो लोग विधि-विधान से भगवान शिव की आराधना करते हैं, उनकी हर एक मनोकामना पूरी होती है.
ऐसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न: शास्त्रों में भगवान शिव जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं. भगवान शिव को अगर सच्चे मन से एक लोटा जल अर्पित कर दिया जाए तो वे प्रसन्न हो जाते हैं. महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा उपासना और उपवास रखने पर जीवन में सभी तरह की सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. महाशिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी से उठकर स्नान करके सूर्यदेव को जल अर्पित कर दें. फिर लोटे में गंगाजल या फिर पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर उसमें दूध मिलाकर, बेलपत्र, धतूरे का फूल आदि डालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए.
महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त: इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी को रात 8 बजकर 2 मिनट से अगले दिन शाम 04 बजकर 16 मिनट तक महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त है. महाशिवरात्रि के लिए निशिता काल पूजा का मुहूर्त चतुर्दशी तिथि में होना आवश्यक है, इसलिए महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि का पर्व पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है. साधु महात्मा या भक्त सभी महाशिवरात्रि के व्रत का इंतजार करते हैं.
इन पूजन सामग्रियों से करें भगवान शिव का अभिषेक:आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन या रात किसी भी समय अभिषेक अवश्य करना चाहिए. भगवान शिव का शिवालय में जाकर पूजा अवश्य करना चाहिए. अभिषेक करने से हर प्रकार का कामना पूर्ति होती है. भगवान के पूजा में अभिषेक के लिए शुद्ध जल या गंगाजल ,कच्चा दूध ,दही ,घी, शहद, अक्षत ,दूर्वा घास ,बेलपत्र ,अष्टगंध, भांग, धतूर ,अभ्रक का व्यवस्था पहले से ही कर लेना चाहिए. प्रसाद के लिए ऋतु फल पुष्पमाला इत्यादि का व्यवस्था कर लेनी चाहिए, जिससे अभिषेक करने में किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं हो. आचार्य मनोज मिश्रा ने महाशिवरात्रि के दिन कौन सी राशि वाले लोगों को कैसे पूजा करनी चाहिए, जिससे कि उनको फल की प्राप्ति होगी और नौकरी में पदोन्नति होगी और सुख शांति की समृद्धि भी प्राप्त होगी, विस्तार से बताया है...
मेष राशि वाले लाल या पीला फूल करें अर्पित : मेष राशि वाले जातक को भगवान शिव का अभिषेक दूध दही घी सहित इत्यादि से करना चाहिए. उसके बाद अंतिम में अवश्य ही लाल पुष्प या पीला पुष्प अर्पित करना चाहिए. जिससे उनकी हर प्रकार की मनोकामना पूरी हो साथ ही स्वास्थ्य भी बेहतर होगा.
वृष राशि वाले चढ़ाएं अभ्रक: वृष राशि वाले जातक भगवान शिव को जल दूध इत्यादि से अभिषेक करने के बाद अभ्रक चढ़ाएं. साथ में कोई सफेद पुष्प उनको अर्पित करना चाहिए जिससे वृष राशि वालो को लाभ मिलेगा.
मिथुन राशि वाले करें 108 बार पंचाक्षरी मंत्र का जाप: मिथुन राशि वाले जातक भोलेनाथ का अभिषेक दूध दही से करने के बाद भांग धतूरा का फल चढ़ाएं. धतूरा अर्पित करते समय 108 बार भोलेनाथ का पंचाक्षरी मंत्र ऊँ. नम: शिवाय का जाप करें.