बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Bihar Politics: बंगाल की तरह बिहार में केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ कानून बनाने की मांग तेज, भाजपा विरोध के लिए तैयार - बिहार में केंद्रीय जांच एजेंसी की कार्रवाई

बिहार में लालू यादव के खिलाफ कार्रवाई को लेकर रादज नेता में आक्रोश हैं. राजद के नेता बंगाल की तर्ज पर राज्य में केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर सीएम को आवेदन भी दिया गया है. यह कानून बनने के बाद केंद्रीय एजेंसी को राज्य में आने से पहले सरकार से अमुमति लेनी होगी. जानिए इसपर महागठबंधन के नेताओं ने क्या कहा?

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Mar 14, 2023, 10:43 PM IST

बंगाल की तरह बिहार में केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ कानून बनाने की मांग

पटनाःबिहार में केंद्रीय जांच एजेंसी की कार्रवाई को लेकर महागठबंधन के नेताओं में आक्रोश है. ऐसे में महागठबंधन के नेता राज्य में कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. कानून बनने के बाद केंद्रीय एजेंसी राज्य में कोई कार्रवाई करने से पहले राज्य सरकार को जानकारी देगी. बता दें कि इस तरह के कानून अन्य 9 राज्य में बनाए जा चुके हैं. वहीं महागठबंधन के नेता के बयान में भाजपा नेता तार किशोर प्रसाद पलटवार किया है. कहा कि इस तरह का कानून की मांग का कोई औचित्य नहीं है. अगर किसी को दिक्कत है तो कोर्ट में जाएं.

यह भी पढ़ेंःBihar Budget Session : 'माइक तोड़ने वाले' विधायक 2 दिन के लिए सस्पेंड, दिनभर हुआ हंगामा

लालू परिवार पर शिकंजाः भ्रष्टाचार मामले में लालू परिवार पर शिकंजा कसता जा रहा है. आईआरसीटीसी घोटाला के बाद जमीन के बदले नौकरी मामले में सीबीआई और ईडी ने कार्रवाई शुरू कर दी है. ऐसे में केंद्रीय एजेंसियों की भूमिका पर राजद लगातार सवाल खड़ा कर रही. राजद की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर के एजेंसी की भूमिका को सीमित करने की मांग की गई है. लेकिन राजद के पहल पर महागठबंधन में एक राय नहीं है.

मुख्यमंत्री सौंपा पत्रःराजद नेता भाई बिरेंद्र ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर पत्र सौंपा है. कहा गया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत केंद्र सरकार के अंतर्गत सीबीआई और ईडी बिना राज्य सरकार के अनुमति के राज्य में छापेमारी कर रही है. जान बुझकर छवि धूमिल करने व परेशान की नियत से छापेमारी करना चाहती है. पश्चिम बंगाल में केंद्र सरकार की कोई एजेंसी राज्य सरकार से इजाजत के किसी बिना छापेमारी नहीं कर सकती है. बिहार राज्य में ऐसा प्रावधान नहीं है, यहां भी इस तरह का कानून बनना चाहिए.

"बंगाल की तर्ज पर बिहार में भी इस तरह का कानून बनना चाहिए. इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र दिया गया है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि जो भी संवैधानिक पहलु है, उसे देखते हुए विचार किया जाएगा. हमें लगता है कि माननीय मुख्यमंत्री इसे लागू करेंगे."-भाई बिरेंद्र, राजद नेता

अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व काः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉक्टर शकील अहमद ने कहा है कि केंद्रीय एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है. नेताओं को डराया जा रहा है. नेता खुद को भयभीत महसूस कर रहे हैं. जहां तक सवाल विधानसभा में कानून बनाने का है तो उस पर अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना है. केंद्रीय नेतृत्व से संकेत मिलने के बाद ही बिहार में कांग्रेस पार्टी अपना स्टैंड क्लियर करेगी.

"मैं इस पूरी अवधारना को देख रहा हूं कि यह मामला आया क्यों? केंद्र सरकार इन संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है. जब साथ में होते हैं तो कोई कार्रवाई नहीं होती है लेकिन अलग होने पर यह एजेंसी कार्रवाई करने लगती है. अगर कोई भ्रष्ट है तो साथ जाने पर दूध के धुले तो नहीं हो जाते हैं. जब ऐसे कानून का प्रस्ताव आएगा तो इसपर विचार किया जाएगा."- डॉक्टर शकील अहमद, कांग्रेस नेता

"केंद्रीय एजेंसियों को सीमित करने की मांग उठी है, लेकिन इस पर फैसला हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनहित में फैसला करते हैं. उम्मीद है कि इस मामले में भी वह उचित फैसला लेंगे."-जामा खान, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री, बिहार सरकार

"राजद नेता कार्रवाई से घबरा गए हैं. अगर उन्हें केंद्रीय एजेंसियों से कोई शिकायत है तो न्यायालय में जाना चाहिए. न्यायालय से उन्हें न्याय मिल जाएगा, लेकिन राजनीतिक कारणों से केंद्रीय एजेंसियों को सीमित करने की बात कह रहे हैं. अगर कोई बिल आता है तो भाजपा उसका विरोध करेगी."- तार किशोर प्रसाद, भाजपा नेता

ABOUT THE AUTHOR

...view details