महागठबंधन सरकार का एक साल पूरा होने पर पक्ष-विपक्ष आमने सामने. पटनाः बिहार में महागठबंधन सरकार का एक साल पूरा हो गया है. एक साल के कार्यकाल को महागठबंधन ने बेमिसाल बताया है, वहीं भाजपा ने कार्यकाल को बिहार की जनता के साथ मजाक करार दिया है. इसको लेकर पक्ष-विपक्ष आमने सामने आ गए हैं. जहां एक ओर महागठबंधन के नेता अपनी उपलब्धि बता रहे हैं, दूसरी ओर विपक्ष का कहना है कि सरकार ने जो वादा किया वह फ्लॉप हो गया.
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रोजगार और नौकरी का वादाः सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार ने 1 साल का कार्यकाल पूरी कर ली. चौमुखी विकास और 20 लाख लोगों को रोजगार और नौकरी देने के वादों के साथ महागठबंधन सरकार सत्ता में आई थी. महागठबंधन के 1 साल के कार्यकाल पर सियासत शुरू हो गई है. पक्ष और विपक्ष की ओर से आरोप-प्रत्यारोप जारी है.
10 लाख रोजगार का वादाः 2020 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव ने राजद की सरकार बनने पर पहली कैबिनेट में 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था. हालांकि उस वक्त राजद सत्ता में नहीं आई, लेकिन राजद को सत्ता में आने का मौका 9 अगस्त 2022 को मिला. सात दलों के सहयोग से महागठबंधन की सरकार बनने के बाद रोजगार देने के वादा पर तेजस्वी यादव ने अपना वादा निभाना शुरू किया.
शिक्षकों की बहालीः राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि सरकार ने पिछले 1 साल में 1 लाख 70 हजार शिक्षकों की बहाली के अलावे कई बड़ी बहाली की प्रक्रिया पूरी की है. पुलिस विभाग में 75 हजार बहाली की स्वीकृति मिल चुकी है. योजना विकास विभाग, साइंस टेक्नोलॉजी विभाग सहित कई विभागों में 50,000 के आसपास पदों के बहाली होनी है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है. स्वास्थ्य विभाग के तरफ से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 1लाख 65 हजार की घोषणा की है.
"हमारे नेता उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रोजगार देने का वायदा किया था. हमने हर विभाग में रोजगार के अवसर पैदा किए. युवाओं को रोजगार भी मिला. इसके अलावा जातिगत जनगणना की मुहिम को भी अंतिम रूप दिया गया. 1 लाख से ज्यादा शिक्षकों की बहाली निकाली गई. अन्य विभाग में भी बहाली की प्रक्रिया चल रही है."-एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता
इस विभाग में दी गई नौकरीः ग्रामीण विकास विभाग में 10000, स्वास्थ्य विभाग सहित राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 10000, पंचायती राज विभाग में 1750 बहाली होने की घोषणा की गई. सरकार ने अब तक पुलिस विभाग में 10459, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 9469, जल संसाधन विभाग में 4325, पशुपालन विभाग में 1006, अल्पसंख्यक विभाग में 477, शिक्षा विभाग में 183, वन पर्यावरण विभाग में 530, नगर विकास विभाग में 53 साइंस एवं टेक्नोलॉजी विभाग में 31 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया है.
'सरकार ने चौमुखी विकास किया': कांग्रेस नेता और विधान पार्षद समीर सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार ने चौमुखी विकास किया है. स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरी है. दरभंगा एम्स के लिए जमीन दिया जा चुका है. मच के आधुनिकीकरण का काम चल रहा है. इसके अलावा कई और अस्पतालों की क्षमता को बढ़ाने का काम जारी है. एम्स की स्थापना के लिए सीएम नीतीश कुमार ने खुद भूमि का निरीक्षण करने का काम किया है. शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार ने नई नियमावली बनाया है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा. बिहार के तीर्थ स्थल को बढ़ावा दिया गया है.
"महागठबंधन की सरकार ने चौमुखी विकास करने का काम किया है. स्वास्थ्य, शिक्षा और तीर्थस्थलों के लिए काम किया है. दरभंगा एम्स निर्माण के लिए जमीन मुहैया कराने के साथ साथ सीएम ने खुद इसका निरीक्षण किया. बिहार में शिक्षा में सुधार के लिए नई नियमावली बन गई है."-समीर सिंह, विधान पार्षद, कांग्रेस
अन्य प्रदेश को देखे भाजपाः इधर, जदयू नेता और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने अपनी उपलब्धि गिनाने के साथ साथ भाजपा पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बगल में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश है, वहां जाकर देखना चाहिए कि क्या हो रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा दूध की नदियां बहा रही है. जितने काम करने वाले ईमानदार लोग हैं, सब भाजपा में भरे पड़े हैं. दूसरी पार्टी में तो सभी बेइमान लोग हैं, भाजपा यही जताना चाह रही है.
"बिहार में सभी क्षेत्रों में विकास हुआ है. भाजपा के लोगों को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश को देखना चाहिए कि वहां कितना भ्रष्टाचार है. भाजपा का दोहरा चरित्र है. उनके पास दूध की नदियां हैं, जिसमें वे भ्रष्ट लोगों को डूबोकर निकालते हैं, और वे राजा हरिशचंद्र बन जाते हैं. जितने ईमानदार हैं, सब भाजपा में हैं और दूसरी पार्टी बेईमान में हैं."-श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री, बिहार
उपलब्धि के साथ छवि धूमिल भी हुईः बता दें कि सरकार के एक साल में शिक्षा विभाग में भी आमूल चूल बदलाव की कोशिश हुई है. भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. शिक्षा विभाग में डेढ़ लाख शिक्षकों की भर्ती की जानी है, लेकिन शिक्षा मंत्री और विभाग के अपर मुख्य सचिव के बीच विवाद ने शिक्षा विभाग की छवि को धूमिल करने का काम किया है. बिहार में जातिगत जनगणना की मुहिम को अंतिम रूप दिया जा रहा है. सरकार जातिगत जनगणना को भी उपलब्धि करार दे रहे हैं.
आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरीः राज्य के अंदर बढ़ रही आपराधिक घटना सरकार के लिए चुनौती है. पहले जहां हर रोज औसतन 7 हत्या की घटनाएं होती थी, अब वह बढ़कर 9 हो चुकी है. राजधानी पटना में भी अपराधिक घटनाओं में जबरदस्त इजाफा हुआ है. अगस्त 2021 से जनवरी 2022 के दौरान कल तक 1303 हत्या की घटना हुई. 38 जिलों में अपराधिक घटना के मामले में पटना सबसे टॉप पर रहा.
सरकार की फजीहत:महागठबंधन सरकार की फजीहत अगवानी पुल ध्वस्त हो जाने के चलते भी हुई. करोड़ों रुपए के लागत से बना पुल पल भर में ध्वस्त हो गया. इसके अलावा कई छोटे पुल भी ध्वस्त हुए, जिसको लेकर सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े हुए. भाजपा नेता और विधान पार्षद अनिल शर्मा ने कहा है कि महागठबंधन ने जनता के साथ धोखा करने का काम किया है. जनता के साथ किया गया एक भी वादा महागठबंधन सरकार ने पूरा नहीं किया. युवाओं को भी ठगा गया. आपराधिक घटनाओं से बिहार में जंगलराज से भी भयावह स्थिति हो गई है.
"सरकार की उपलब्धि क्या हैं, इसे बिहार की जनता की बताना चाहिए. महागठबंधन की सबसे बड़ी उपलब्धि बेरोजगारी है. इसके अलावा जंगलराज-2 में हत्या, लूट, डकैती बढ़ गई. सरकार की यही उपलब्धि है. सरकार ने युवाओं को सिर्फ ठगने का काम किया है."-अनिल शर्मा, विधान पार्षद, भाजपा