पटना : बिहार विधान परिषद के 5 सीटों पर होने वाले चुनाव (Bihar Legislative Council Election) को लेकर आज महागठबंधन के सातों घटक दल के नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक हुई. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में सातों घटक दल के विधान मंडल के सदस्य भी शामिल हुए. बैठक में मुख्यमंत्री मौजूद नहीं थे. बिहार विधान परिषद के 5 सीटों पर 31 मार्च को चुनाव होना है. महागठबंधन के नेताओं ने एकजुटता के साथ पूरी ताकत से चुनाव में लगने को लेकर रणनीति तैयार की.
ये भी पढ़ें - Bihar MLC Election: महागठबंधन और NDA के बीच टफ फाइट, दांव पर BJP नेता अवधेश नारायण सिंह की साख
JDU ने पहले के उम्मीदवार पर जताया भरोसा : जदयू की तरफ से शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए पुराने उम्मीदवार को ही फिर से मौका दिया गया है. जदयू के विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल मई में पूरा हो रहा है. उसमें सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित सदस्य वीरेंद्र नारायण यादव की सीट, कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित संजीव कुमार सिंह की सीट और गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित संजीव श्याम सिंह की सीट शामिल हैं. जदयू ने इन सभी को रिपीट किया है. इसके अलावा MLC केदारनाथ पांडेय के निधन के बाद खाली सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की एक सीट पर भी चुनाव होंगे. यहां से सीपीआई ने केदारनाथ पांडे के बेटे को मौका दिया है.
महागठबंधन के लिए काफी अहम है यह चुनाव : वहीं बीजेपी के गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित सदस्य अवधेश नारायण सिंह, फिर से चुनाव मैदान में हैं और महागठबंधन के तरफ से उनके खिलाफ जगदानंद सिंह के बेटे पुनीत सिंह को उतारा गया है. महागठबंधन के लिए पांचों सीट महत्वपूर्ण है क्योंकि 4 सीट तो महागठबंधन खेमे का ही है. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद विधान परिषद का यह पहला चुनाव है इससे पहले विधानसभा के चुनाव में महागठबंधन को बीजेपी ने झटका दिया है. इसलिए महागठबंधन के नेता हर कीमत पर इस चुनाव को जीतने की रणनीति तैयार कर रहे हैं और उसी संदर्भ में आज विधानसभा सेंट्रल हॉल में बैठक हुई है. बैठक में कई मंत्री भी मौजूद थे.