पटना:कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) की स्थिति का सही आकलन करने के लिए स्वास्थ्य विभाग (Health Department) आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रदेश में महासर्वे शुरू कर रहा है. यह सर्वे सोमवार से ही शुरू होना था, लेकिन सोमवार को मेगा वैक्सीनेशनका कार्यक्रम आयोजित कर दिए जाने के कारण महासर्वे का काम एक दिन आगे बढ़ गया है. अब यह अभियान 19 अक्टूबर से शुरू होगा.
ये भी पढ़ें: दिवाली-छठ पर आ रहे हैं बिहार.. तो जरूर जान लें सरकार की ये गाइडलाइन, नहीं तो..
महासर्वे का यह अभियान 19 अक्टूबर से लेकर 21 अक्टूबर तक चलेगा. इन 3 दिनों में आशा कार्यकर्ता पंचायत में हर वार्ड में घर-घर जाएंगी और वैक्सीनेशन की स्थिति का जायजा लेंगी. वार्ड में दो आशा और एक एएनएम को लगाया गया है. एएनएम आशा के कार्यों की मॉनिटरिंग करेंगी.
आशा कार्यकर्ता घर जाकर जितने भी परिवार के सदस्य मतदाता सूची में हैं, उसी सूची के आधार पर उनके वैक्सीनेशन की स्थिति के बारे में जानकारी लेंगी. वह यह जानकारी लेंगी कि कितने लोगों ने वैक्सीन का दोनों डोज ले लिया है और कितनों ने अब तक सिर्फ एक डोज लिया है और कितने लोग ऐसे हैं, िन्होंने अब तक वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लिया है. जिन लोगों का वैक्सीन का डोज बाकी है तो उन्हें वह वैक्सीनेशन सेंटर तक जाकर वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करेंगी.
ये भी पढ़ें: आधार कार्ड नहीं रहने पर भी ले सकेंगे वैक्सीन, जानें... सीएम ने क्या दिया आदेश
इस महासर्वे को लेकर आशा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग भी दी गई है. साथ ही प्रत्येक वार्ड के अनुरूप आशा को एक टेबलेट दिया गया है, जिससे वह वैक्सीनेशन की स्थिति को अपडेट करेंगी. जिसके पास टेबलेट नहीं होगा, वैसी आशा रजिस्टर में डाटा नोट करेंगी और अपने नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डाटा एंट्री ऑपरेटर के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के वेबसाइट पर अपडेट कराएंगी.
पटना जिला सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने जानकारी दी कि क्योंकि सोमवार 18 अक्टूबर को मेगा वैक्सीनेशन अभियान आयोजित किया जा रहा है. इस वजह से महासर्वे को एक दिन के लिए एक्सटेंड किया गया है. उन्होंने कहा कि महा सर्वे के दौरान भी वैक्सीनेशन का कार्य चलता रहेगा और सर्वे से जो रिपोर्ट मिलेगा, उस आधार पर आगे वैक्सीनेशन की रणनीति तैयार की जाएगी. जिन इलाके में फर्स्ट डोज से अधिक लोग वंचित होंगे, उन इलाकों में विशेष अभियान चलाया जाएगा. जबकि जिन इलाकों में सेकंड डोज का ड्यू होगा, उन इलाकों में वैक्सीनेशन के लिए सेकंड डोज वालों पर अधिक फोकस किया जाएगा.