पटना :बिहार में प्रवासी मजदूरों के घर वापसी का सिलसिला जारी है. पिछले 2 दिनों से कई ट्रेनें बिहार आई है. जिसके बाद प्रवासी मजदूर, छात्र और फंसे हुए लोग अपने-अपने घरों को पहुंचे हैं. वहीं, खबर आ रही है कि आज कर्नाटक से आने वाली ट्रेन को रद्द कर दिया गया है. इसके पीछे मजदूरों को अपने घर नहीं जाने देने की बात सामने आई है. यह आरोप बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने सरकार पर लगाया है.
बिहारी मजदूर किसी राज्य के बंधुआ नहीं : मदन मोहन झा
बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने बताया कि कर्नाटक सरकार बिल्डर एसोसिएशन के दबाव में आकर ट्रेन को रद्द करने का निर्णय लिया है. बिहार से बाहर काम करने वाले मजदूर किसी भी राज्य के बंधुआ मजदूर नहीं है.
'तत्काल कर्नाटक सरकार से बात करे बिहार सरकार'
बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने बताया कि कर्नाटक सरकार बिल्डर एसोसिएशन के दबाव में आकर ट्रेन को रद्द करने का निर्णय लिया है. बिहार से बाहर काम करने वाले मजदूर किसी भी राज्य के बंधुआ मजदूर नहीं है. मदन मोहन झा ने राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से अपील की है कि वे तत्काल कर्नाटक सरकार से बात कर वहां के मजदूरों को घर तक पहुंचाएं.
मजदूरों को पहुंचाए उनके घर - कांग्रेस
कांग्रेस का मानना है कि उद्योगपतियों और व्यापार वर्ग के लोगों को लगने लगा है कि जब बिहार के मजदूर वापस अपने घर को चले जाएंगे, तो वह नहीं लौटेंगे. लेकिन एक ओर जहां देश के सभी राज्यों से मजदूर और अन्य लोग अपने-अपने घरों को लौट रहे हैं, तो आखिर कर्नाटक से ही क्यों रोक लगाई गई है. कांग्रेस ने राज्य सरकार से मांग की है कि वे अविलंब इस संबंध में कर्नाटक सरकार से बात कर मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाए.