पटना: महागठबंधन में नीतीश कुमार के शामिल होने पर सभी दलों की राय अलग-अलग है. एक ओर जहां कांग्रेस ने कभी भी नीतीश कुमार से बहुत ज्यादा लगाव नहीं दिखाया है, तो दूसरी ओर रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा उनका नाम तक सुनना पसंद नहीं करते, लेकिन बिहार की सबसे बड़ी पार्टी राजद इन दिनों नीतीश कुमार के नाम पर दो गुटों में बंटी दिख रही है.
एक ओर जहां राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह और शिवानंद तिवारी सरीखे बड़े और कद्दावर नेता नीतीश का गुणगान कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर राजद के सर्वमान्य नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के नाम नो एंट्री का बोर्ड लगा रखा है.
गुटबाजी वाली बात ही नहीं- मदन मोहन झा
राजद के इस रवैये पर कांग्रेस काफी सहज दिख रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा कहते हैं कि सभी दलों में अलग-अलग राय रखने वाले कई नेता होते हैं. लेकिन निर्णय सिर्फ शीर्ष के नेता ही लेते हैं. राजद हो या कांग्रेस किसी भी राजनीतिक दल में किसी की भी अपनी अपनी पसंद और नापसंद होती है. इसमें कोई गुटबाजी या परेशानी वाली बात नहीं है.
फैसला होगा सर्वमान्य- डॉ. झा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि फैसले के वक्त जब तमाम दलों के शीर्षस्थ नेता बैठते हैं, तो सभी परेशानियों और विवादों को समाप्त कर दिया जाता है. महागठबंधन में और राजद में किसी तरह की परेशानी नहीं है. जहां तक बयानों का सवाल है तो सभी नेता अपने-अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं. लेकिन एक बार जो फैसला हो जाएगा, वो सर्वमान्य होगा और सभी लोग उसी लाइन पर काम करेंगे.