पटना: चार दिनों की बारिश ने राजधानी के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोलकर रख दी. बारिश के कारण राजधानी में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बारिश थमने के 48 घंटे बाद भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं. जिससे जनजीवन खासा प्रभावित है. सरकार का दावा है कि प्राकृतिक आपदा के कारण जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
नगर विकास मंत्री ने दावा किया है कि पानी निकासी के लिए सरकार पूरी तत्परता से काम कर रही है. सरकारी बयानों से साफ है कि कोई भी इस समस्या की जिम्मेदारी लेने तैयार नहीं है. नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने ईटीवी भारत पर दावा किया था कि पटना के सभी संप हाउस चालू स्थिति में है और जल्द ही पानी की निकासी हो जाएगी.
बिंदेश्वरी सिंह से मिलने पहुंचे संवाददाता मजदूर यूनियन अध्यक्ष ने खोली पोल
सरकार के इस दावे को विभागीय कर्मचारी ने ही झूठला दिया है. दरअसल, सरकार बार-बार दावा कर रही है कि पटना में अभी कुल 38 संप हाउस वर्किंग हालत में हैं. लेकिन,पटना नगर निगम चतुर्थवर्गीय कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष बिंदेश्वरी सिंह ने बताया कि केवल 10 संप हाउस ही इस आपदा की स्थिति में काम कर रहे हैं.
सुरेश शर्मा, नगर विकास मंत्री 'जनता को गुमराह कर रही सरकार'
यूनियन के अध्यक्ष बिंदेश्वरी सिंह ने कहा कि मंत्री जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा के सभी दावों को सिरे से खारिज किया. उन्होंने बताया कि पटना नगर निगम क्षेत्र में 38 संप हाउस हैं. लेकिन उसमें कार्यरत मात्र केवल 10 ही हैं. जिसमें से 2 की स्थिति अभी भी खराब है. प्रॉपर तरीके से केवल 8 संप हाउस ही काम कर रहे हैं.
यूनियन अध्यक्ष ने खोली सरकार की पोल सरकार सतर्क होती तो नहीं बिगड़ते हालात
बिंदेश्वरी सिंह ने कहा कि यदि सरकार पहले से सचेत होती तो पटना में जल जमाव से प्रलय की स्थिति नहीं बनती. यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि पटना नगर निगम में छोटे-बड़े को मिलाकर टोटल 119 संप हाउस हैं. 119 संप हाउस का आंकड़ा बताते हुए अध्यक्ष ने कहा कि सरकार के पास इन सभी संप हाउस में से मात्र 38 ही संप हाउस बचा था. इसलिए सरकार जो दावा कर रही है वह बिल्कुल ही गलत है.
सफाई के पैसे खा गए ठेकेदार
इसके अलावा बिंदेश्वरी सिंह ने कहा कि जो जलजमाव की स्थिति बनी हुई है उसकी दोषी सरकार है. सरकार ने नाले की सफाई ठीक से नहीं करवाई थी. इसके अलावा पानी निकासी के लिए ड्रेनेज पर जो पैसा खर्च हुआ, वह भी सरकार के ठेकेदार खा गए. सरकार वर्तमान में अपनी नाकामी छुपाने में लगी हुई है.
बहरहाल, राजधानी की स्थिति सही नहीं है. बारिश थमने के बावजूद जलनिकासी ठप है. अब तो पटना के हालात को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. ऐसे में सरकारी मदद के दावों को आम जनता ही नकारती दिख रही है.