बिहार

bihar

ETV Bharat / state

चंद्रग्रहण, सुपर मून और ब्लड मून, एक साथ होने वाला है सबका दीदार

26 मई को चंद्र ग्रहण, सुपर मून और ब्लड मून एक साथ दिखेगा. ये खगोलीय घटना दुनिया में कहां-कहां दिखेगी जानने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर...

By

Published : May 26, 2021, 9:18 AM IST

LUNAR ECLIPSE SUPERMOON AND BLOOD MOON TOGETHER ON 26TH MAY
LUNAR ECLIPSE SUPERMOON AND BLOOD MOON TOGETHER ON 26TH MAY

पटना: आज लगने वाले चंद्र ग्रहण के दौरान सुपर मून की स्थिति बनेगी. हालांकि, बंगाल की खाड़ी में आए यास तूफान की वजह से फिलहाल बिहार में काफी बादल छाए हुए हैं. ऐसे में आज शाम को लगने वाले इस चंद्रग्रहण को देखे जाने की संभावना नहीं के बराबर है. लेकिन इस बार ये खगोलीय घटना कई मायनों में खास होने वाली है. दरअसल इस बार सुपर मून, चंद्र ग्रहण और ब्लड मून का दीदार एक ही बार में होगा.

यह भी पढ़ें -संभल कर रहें अगले कुछ घंटे, यास तूफान बिहार के इन जिलों में मचाने वाला है तबाही!

सुपर मून
चंद्रमा पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह है. जो पृथ्वी की परिक्रमा करता है. चक्कर काटते समय एक ऐसी स्थिति बनती है जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है यानी इस दौरान चंद्रमा और पृथ्वी के बीच दूरी सबसे कम होती है. इस दौरान कक्षा में करीबी बिंदु से इसकी दूरी करीब 28,000 मील रहती है. इस दौरान चंद्रमा बड़ा नजर आता है जिसे सुपरमून कहते हैं. पृथ्वी के सबसे नजदीक होने के कारण चांद ज्यादा बड़ा और चमकीला दिखता है.

सुपर मून

चंद्र ग्रहण
पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा कर रही है और चंद्रमा पृथ्वी की. चंद्र ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह या आंशिक रूप से छिप जाता है. चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दौरान होता है इसलिए पहले पूर्णिमा के चंद्रमा को समझते हैं. पृथ्वी की तरह ही चंद्रमा का आधा हिस्सा सूरज की रोशनी में प्रकाशित रहता है, पूर्ण चंद्र की स्थिति तब बनती है जब चंद्रमा और सूरज पृथ्वी के विपरीत दिशा में होते हैं. इससे रात में चंद्रमा तश्तरी की तरह नजर आता है. जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आते हैं और चंद्रमा पृथ्वी की छाया से होकर गुजरे तो इससे पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है.

यह भी पढ़ें -आज लॉकडाउन 3.0 का पहला दिन, घर से निकलने से पहले पढ़ लें ये खबर

ब्लड मून
जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह ढक जाता है तो अंधेरा छा जाता है लेकिन पूरी तरह काला नहीं होता. इसके बजाए यह लाल रंग का दिखता है इसलिए पूर्ण चंद्र ग्रहण को ब्लड मून भी कहा जाता है. सूर्य के प्रकाश में दृश्य प्रकाश के सभी रंग होते हैं. पृथ्वी के वातावरण से गुजरने के दौरान प्रकाश में नीला प्रकाश छन जाता है जबकि लाल हिस्सा इससे गुजर जाता है. इसलिए आकाश नीला दिखता है और सूर्योदय और सूर्यास्त के समय लालिमा छा जाती है.

ब्लड मून

चंद्र ग्रहण के मामले में लाल प्रकाश पृथ्वी के वातावरण से होकर गुजरता है और यह चंद्रमा की ओर मुड़ जाता है जबकि नीला प्रकाश इससे बाहर रह जाता है. इससे चंद्रमा पूरी तरह लाल नजर आता है.

कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण

चंद्रमा के, छाया से गुजरने के दौरान चंद्र ग्रहण पृथ्वी के रात्रि वाले हिस्से से दिखेगा. इस तरह 26 मई 2021 को ग्रहण देखने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान प्रशांत महासागर के मध्य, ऑस्ट्रेलिया, एशिया के पूर्वी तट और अमेरिका के पश्चिमी तट में होंगे. अमेरिका के पूर्वी हिस्से से भी यह दिखेगा लेकिन आरंभिक चरण का ही चंद्र ग्रहण नजर आएगा.

यह भी पढ़ें -बिहार में मंगलवार को मिले कोरोना के 3306 मरीज, मौत के मामले सोमवार के मुकाबले कम

भारत में चंद्र ग्रहण

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार चंद्र ग्रहण का आंशिक चरण भारत में चंद्रोदय के तुरंत बाद कुछ समय के लिए दिखेगा. लेकिन देश के पूर्वोत्तर राज्यों, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओडिशा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के कुछ तटीय भागों में दिखेगा.

किस वक्त दिखेगा ग्रहण

किस वक्त दिखेगा ग्रहण

ग्रहण का आंशिक चरण भारतीय समय के अनुसार दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर प्रारंभ होगा. कुल चरण भारतीय समय के अनुसार 4 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ होगा जो 4 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगा. आंशिक चरण शाम 6 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा.

यह भी पढ़ें -हाई अलर्ट : आज ओडिशा तट से टकराएगा चक्रवाती तूफान यास, बंगाल में हाई अलर्ट

ABOUT THE AUTHOR

...view details