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टेंशन में गुरुजी! सरकारी स्कूलों में बच्चों का अटेंडेंस कम हुआ तो शिक्षक होंगे जिम्मेदार, सैलरी भी कटेगी - bihar government schools teachers

Bihar School Education बिहार में शिक्षकों के लिए नया फरमान जारी किया गया है. शिक्षा विभाग के मुताबिक, सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों को हर हाल में बच्ची के अटेंडेंस पर नजर रखनी होगी. अगर स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 60 फीसदी से कम हुई तो कार्रवाई होगी. साथ ही वेतन में भी कटौती हो सकती हैं. पढ़ें पूरी खबर

सरकारी स्कूलों में बच्चों का अटेंडेंट कम तो शिक्षक होंगे जिम्मेदार
सरकारी स्कूलों में बच्चों का अटेंडेंट कम तो शिक्षक होंगे जिम्मेदार

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Published : Nov 22, 2022, 5:33 PM IST

Updated : Nov 22, 2022, 5:47 PM IST

पटना: बिहार सरकार अब स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम (low attendance of students in bihar schools) होने की लेकर कार्रवाई करने की योजना बना रही है. इसके लिए स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की जिम्मेदारी तय की जायेगी. शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस संबंध में पुराने प्रावधान को और सख्त बना दिया गया है. इसके तहत स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 60 फीसदी से किसी सूरत में कम नहीं होनी चाहिए. यदि मानिटरिंग के दिन स्कूलों में 60 फीसदी से कम बच्चे पाए गए तो प्राचार्य और शिक्षक इसके लिए जिम्मेवार माने जाएंगे.

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नीतीश सरकार के नए फरमान से टेंशन में गुरुजी :शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार की सोच अधिक से अधिक छात्रों को न केवल स्कूल पहुंचाने की है बल्कि उनके नियमित स्कूल आने की आदत डालने की भी है. बताया जा रहा है कि शिक्षक इसके लिए छात्र और छात्राओं के अभिभावकों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करेंगे तथा उन्हें कम से कम 75 फीसदी बच्चों को स्कूल लाना होगा.

बिहार के स्कूलों में बच्चों का अटेंडेंस कम तो नपेंगे गुरुजी : हालांकि इसके लिए वे विद्यालय शिक्षा समिति या विद्यालय प्रबंधन समिति की सहायता ले सकेंगे. बताया गया कि इसके लिए न केवल शिक्षक, प्रधानाध्यापक बल्कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी तक के दायित्व तय किये गये हैं. इन्हे अब प्रत्येक महीने स्कूलों की जांच कर रिपोर्ट विभाग को देना होगा.

काम नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने का निर्देश :बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने भी काम नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने का निर्देश अधिकारियों को दिया था. नीतीश कुमार ने शिक्षा दिवस समारोह के अवसर पर सरकारी विद्यालयों के रियल टाइम मानिटरिंग के लिए बेस्ट प्लस ऐप भी प्रारंभ किया था. जिससे स्कूलों की मॉनिटरिंग का निर्णय लिया गया है. शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने फोन पर ईटीवी भारत को बताया कि अगर किसी भी शिक्षक या प्रधानाध्यापक का छात्रों की पढ़ाई के प्रति उदासीन रवैया पाया जाता है तो उसके खिलाफ शिक्षा विभाग के नियम-कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.

''शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से अधिक रहे इसके लिए शासकीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों सहित शिक्षकों को प्रेरित करने के निर्देश दिये गये हैं. मुख्यमंत्री द्वारा ऐप लॉन्च करने के बाद हमने सभी स्कूलों को नियमों का पालन करने के लिए पत्र भेजा था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कक्षाओं में उपस्थिति 60 प्रतिशत से कम न हो. संदेश सकारात्मक भावना में था न कि शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को धमकाने के लिए.''- दीपक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, बिहार

Last Updated : Nov 22, 2022, 5:47 PM IST

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